प्रत्येक व्यक्ति में गुण अवगुण होते हैं विद्यमान, किसी का मात्र चेहरा देखकर हम उनके गुण अवगुणों का नहीं लगा सकते अनुमान।
यह भी सत्य है कि गुणों को नजरअंदाज करके व्यक्ति अवगुणों का करता है व्याख्यान, खुद वह व्यक्ति बनता है दूसरों के सामने महान।
उदार प्रकृति के लोग दूसरों के दोषों पर पर्दा डालकर उनके गुणों को प्रोत्साहन देते है,
सभ्य रूप से अवगुणों को बता कर गुणों को धारण कर लेते हैं ।
यदि आप चाहते हैं किसी के जीवन में कुछ अच्छा काम करना,
तो छोड़ दो दूसरों के दोष निकालना और लोगों के कान भरना।-
वो कह रहे है जिनमे खुद एब बहुत है
और कहा मैन आओ निभाओ किरदार मेरा
तो कहते रहने दीजिए जनाब हम busy बहुत है-
दूसरों में बुराई ढूंढते-ढूंढते मैं खुद कब बुरा बन गया पता भी नहीं चला।
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दूसरे के अवगुण
देखकर आप अपने
अवगुण नहीं बदल पाएंगे |
जीवन को बदलना है
तो अपने अवगुण देखिए
और उन्हें सुधारने की
कोशिश करे |-
अपने अवगुण देखिये
दुसरों के गुण देखिये।
फिर
कोई गलत नहीं
बस अलग लगेगा।।🙂-
मेरा अवगुण यही था
कि मैंने तुम्हारे ख़ालीपन को भरना चाहा।
विज्ञान भी तो कहता है
हमारे शरीर का दो तिहाई हिस्सा
पानी ही है।-
बदल लो पुरानी धुन जो शोर मचाती
तुम खुद अपनी धुन बना के तो देखो
अवगुणों को पहचानने का हौंसला रखो
और नई धुन पर तुम गीत गाकर तो देखो
सफर में जो सुनाओगे दिलकश संगीत
साथियों का मोहक नृत्य जाकर तो देखो
थोड़ी बहुत कमी तो हर धुन में है होती
कमी को समझ और सुधार के तो देखो
लाजवाब गुल तुम्हारे रास्ते में होंगे
बस थोड़ा सा मधु धुन में बसा के तो देखो
गुरमीत
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