हर व्यवधान रेत सा फिसलेगा
प्रेम में प्रेम, नफरत में भी प्रेम
फिर बिना आभरण,
जीवन आभरण सा चमकेगा 😊-
वक्त पर वक्त बनाने में
वक्त लगता है
तुमसे दूर हो और गम भी न हो,
दूर तो ठीक है, पर गम भुलाने में
वक्त लगता है
यूं ही नहीं हर उम्र की बंदिशें बनाई उस खुदा ने
हर उम्र में उस उम्र का हमउम्र बनाने में
वक्त लगता है 🙂-
रात सिर्फ रात नही
सुकून की तलाश है
जिसमे किसी से ,
किसी की कोई बात नही
होती बस जज्बातों से मुलाकात है
हां, सच रात बस रात नही
सुकून की तलाश है।।,🙂-
भूली नहीं मैं कुछ भी ,मुझे सब याद है।
पर,तुम बस एक याद हो,
मुझे ये भी याद है ।।🙃🙂-
यारों हम बेवजह की बाते
भी किसी वजह से करते हैं
जिनके पास वक्त नहीं है किसी
वजह की बात में शामिल होने का
वो भी अपना कीमती वक्त
हमे बेवजह दे जाते हैं
सिर्फ़ ये बताने के लिए कि तुम वजह की छोड़
बेवजह की बाते क्यों करते हो?
अब जनाब उन्हें कौन समझाए - -कि
हम बेवजह की बाते
भी किसी वजह से करते हैं 🙂🙃-
खामियां किसमे नही
ऐसी कोई दुनियां नहीं
पर चैलेंज ये है कि सब
अपनी खामियां देखे
दूसरो को उनकी न दिखाएं
सब अपनी देखेगे तो भी
खामियां तो कम होंगी ही ना?🙂🙃-
रूकना नहीं था मुझको
तो मैंने झुकना सीख लिया 🙂
फिर रूक कर भी
हर रफ्तार को पा लिया।
रुकना नहीं था मुझको
तो जमीन पर ज़मीर को
जिंदा रख मन ही मन में
आसमान तक पा लिया।।-
मुझे बुजुर्गों को देखकर सूकून मिल जाता
उनका साथ उनका विश्वास,
उनका वो जुग जुग जियो का आशीर्वाद
हमेशा याद आता।।
मुझे बुजुर्गों को देखकर सूकून मिल जाता।
हम सब भाग्यशाली हैं जिन्हें उनकी
सेवा का अवसर मिल पाता,
आज के दौर में तो बुजुर्ग होने तक का
मौका नहीं मिल पाता।।
मुझे बुजुर्गों को देखकर सूकून मिल जाता।
बच्चों सी उनकी जिद,
हर छोटी बात पर हो जाते क्रोधित,
कुछ थोड़ा भी कर दो
भर भर के आशीर्वाद मिल जाता।
हां सच में मुझे बुजुर्गों को देखकर सूकून मिल जाता।।
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हमारा परिवार
अगर मानें तो है पूरा संसार।
हमारे मां -बाप दुनिया में बेशक अलग हैं,
पर दुनिया का है जो रचनाकार (ईश्वर)
उसके लिए ये दुनिया है एक ही परिवार।
तो जैसे करते हैं हम परिवार से प्यार,
उसी भावना से देखें यह संसार।
फिर
कोई ग़लत नहीं बस
अलग लगेगा।।🙂-