लहू से भी जलन बुझी नहीं थी उस वक्त,
कमाल रूतबे का,वह बज्म मे मुहब्बत का बद्र हैं!-
अमीर घराने की कन्या एक बार में जितना खर्च Beauty Parlour में करती है।
एक गरीब घर की कन्या उतने में ससुराल पहुँच जाती है।-
जमीं पे बैठना तो बड़प्पन है ,
औकात ना पूछो तो अच्छा है ...
गरीबों की ख़ुशी किसीे दौलत की मोहताज नहीं ,
ये ज़मीर से अमीर का बच्चा है ।-
अपनों का प्यार , दिल में शिष्टाचार और
मन में सुविचार जिस शख़्स के पास नहीं ,..
यक़ीनन अमीर होकर भी वो ' गरीब ' है ।-
पैसे से अमीर कैसे कोई इज्ज़त से गरीब कैसे
ज़रा ऐ आदमी बता ये तेरे फैसले अज़ीब कैसे
कोई मीठा बोले ग़लत कोई ख़रा बोलता है सच
सोच कोई तेरा हबीब कैसे कोई तेरा रक़ीब कैसे
किसी की अमीरी परेशाँ कोई मुफलिसी में आसाँ
तो फिर कोई ख़ुशनसीब कैसे कोई बदनसीब कैसे
किसी का आपस में बैर किसी की दूर से भी खैर
जुड़ा दिल से दूर कैसे और कोई इतना करीब कैसे
किसी को मतलब से मतलब कोई बेमतलब 'आनंद'
कोई नुक़्साँ-ए-अज़ीम कैसे कोई वाजिब मुफ़ीद कैसे-
अमीरी आजादी है अपना खुद दाम लगा लेगा,
गरिबों के मुफलिसी में रिज़्क़ के फ़ाक़े पड़े है।-
पेट है कि भूख से पीठ हुआ जाता है,
और कहीं अन्न कूड़े में फेंका जाता है।
कोई मचा रहता कोहलू बैल की तरह,
किसी से दिन भी काटा नहीं जाता है।
अमीरी गरीबी की बेजोड़ दीवार कैसी,
रईस श्रीमान दरिद्र कीट हुआ जाता है।
मेहनत करे कोई फल मिले किसी को,
उसपे बाव का मानसून बिगड़ जाता है।
अमीरी गरीबी की विस्मृति, दे मन चीर,
और लोभी है कि- चीता हुआ़ जाता है।
अमीर गरीब दोनों हैं इंसान कहे 'अन्नम'
एक बियाबान दूजा लहलहाया जाता है।
_अनु "अन्नम" ✒️-
बेचैनियां अमीरों की जागीर होती हैं
थक कर वो गरीब चैन से सोता है ।-
वो अमीर बशर बहुत ही ग़रीब होता है,
जिसके पास सिर्फ़ ज़र-ओ-माल होता है,
वो ग़रीब जो हर हाल में शुक्र-ए ख़ुदा करता है -
वो ग़रीब नहीं हक़ीक़त में शहंशाह होता है।-