बिखर गए जब साथ हमारे,फिर कुछ पूरा ना रहा,
साए तो मिलते रहे, पर अब वो उजाला ना रहा।
हर मोड़ पर एक याद तेरी,हर ख़ामोशी में तेरा नाम,
दिल को समझाया बहुत,पर न मिला सुकून-ए-आराम।
रिश्ते जो टूटे चुपचाप, वो दुबारा जुड़ पाए नहीं,
हर जोड़ में रह गई दरार,वो अपनापन न आया कहीं।
लब खामोश हैं अब तक,पर हैं दिल में बातें हज़ार,
वो जो बिछड़े थे पल में,छोड़ गए क्यूँ उम्र भर का भार।
-युवराज पटेल,प्रतापगढ़
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हमने तो चाहा था फूलों की सौगात,
मगर तकदीर ने कांटों से नवाज़ा हर बार।
हसरतों के गुलशन में ख्वाब सजाए थे,
पर हर राह पर मिला बस दर्द का त्योहार।-
हर बात को यूँ दिल पे लगाया न करो,
हर किसी की नजर में खुद को आज़माया न करो।
अंजान आँखों में हीरे की पहचान कहाँ,
जो तुम्हें काँच समझे, उसे अपनाया न करो।
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प्रेम है मौन का इक संवाद,
जहाँ दिल से दिल करता है बात,
शब्दों की ज़रूरत कहाँ होती है,
जब नजरों से बयाँ हो जाए हर बात।-
हैसियत नापते लोग, मोल धन का करें,
दिल की दौलत का कभी हिसाब न धरें।
सपनों में छुपी है असल पहचान,
हैसियत से नहीं, इंसानियत से बनते महान।
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उनसे बातें करके लगा,जैसे कोई गीत सुन रहा हूँ,
हर लफ्ज़ में मिठास थी, जैसे जज़्बात बुन रहा हूँ।
उनकी हँसी की खनक ने दिल को छू लिया,
हर लम्हा जैसे खुशनुमा ख़्वाब बन गया।
क्या कहूँ,मिलकर उनसे रूह को सुकून सा मिलता है,
जैसे वर्षों के मुसाफिर को मंज़िल का पता मिलता है।-
उदासी का क्या शिकवा करें, ये भी एक साथी है,
खामोशी में भी जज्बात की कहानी कह जाती है।-
सपनों की उड़ान हो, तो हौसले की बात करो,
राह में मुश्किलें आएं, तो संघर्ष का साथ करो।
प्रत्येक ठोकर से सीखकर,फिर आगे बढ़े चलो,
सफलता कदम चूमेगी,बस खुद पर विश्वास रखो।-
आदर से बढ़कर कुछ नहीं, जीवन की ये पहचान है।
बड़ों का मान, छोटों का स्नेह, सच्चा इसका सम्मान है।
आदर में बसी है संस्कृति, मानवता की ये शान है।
जहाँ है आदर, वहाँ है प्रेम, हर रिश्ता महान है।-