Rakesh Chawla   (© 'तलब'...🤔)
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Joined 22 January 2019


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AN HOUR AGO

Your wife believes she is more gorgeous than neighbour's wife.

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4 HOURS AGO

न आने में तकल्लुफ़ किस लिये है
बुलाने में तकल्लुफ़ किस लिये है

तुम्हारे इश्क़ का सबको पता है
छिपाने में तकल्लुफ़ किस लिये है

वो रूठा है मगर अपना भी तो है
मनाने में तकल्लुफ़ किस लिये है

मोहब्बत से बड़ा रिश्ता न कोई
तो आपस में तकल्लुफ़ किस लिये है

'तलब' है ज़िन्दगी तोहफ़ा ख़ुदा का
इसे जी भर कर जीने में तकल्लुफ़ किस लिये है

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YESTERDAY AT 22:44

जो कुछ भी मिला उसको तदबीर समझ लीजे
जो मिल न सका उसको तक़दीर समझ लीजे

इंसाफ न इस दर पे, इंसाफ न उस दर पर
मिल जाए उसे वक़्त की तहरीर समझ लीजे

ऐसे तो मोहब्बत ही हुस्न-ए-ज़िन्दगी है
लेकिन वफ़ा को उसकी तनवीर समझ लीजे

इक शम्मा इधर जलती, इक शम्मा उधर बुझती
इसको ही ज़िन्दगी की तस्वीर समझ लीजे

इतना 'तलब' जी कर समझे न ज़िन्दगी को
इसको तो ज़िन्दगी की तबसीर समझ लीजे

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YESTERDAY AT 21:37

He valued and loved freedom very much.
He set the caged bird free on marriage day.
He asked his wife to resign from the job..!

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15 APR AT 22:15

Started with 'Monday Blues'
No excuse,
Beggars can't choose.

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15 APR AT 21:13

मैं कैसे कह दूँ इस ज़िंदगी को अपनी ज़िंदगी
इक सांस भी नहीं है मेरे इख़्तियार में

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15 APR AT 6:10

नहीं कुछ ग़म हमारा नाम गर वो भूल जाते हैं
बिताये साथ के लम्हात भी वो भूल जाते हैं
मोहब्बत बस मोहब्बत है न सीरत है, न सूरत है
हम इस बेनाम रिश्ते को समझना भूल जाते हैं

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13 APR AT 21:56

It is my granddaughter's 1st Birthday today,
Her giggles and lovely smile makes our day,
Love to see her growing with toys and play,
"Siya" is a precious gift from God.

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13 APR AT 18:50

हम अपने नक़्श-ए-क़दम छोड़ आये थे वरना
चराग़ कौन जलाता है किसी के रास्ते में

( नक़्श ए क़दम = क़दमों के निशान )

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13 APR AT 13:20

वह देखो जो आसमाँ पे चाँद नज़र आ रहा है
सच-सच कहना वह या मेरा चेहरा भा रहा है

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