""""दोहा""""
"""ख़िदमत""
ख़िदमत ऐसी कीजिए, तृप्त हृदय हो जाय।
पराये अपने बनते , सुंदर , सरल सुभाय।।
घर आये अतिथि का ना, करो कभी अपमान।
है सनातन धर्म कहता,होत अतिथि भगवान।।
भली भाँति बैठाय के, भोजन अतिथि कराय।
जितना तुमसे बन सके , प्रेम सहित खियाय।।
कटु वाणी मत बोलिये, हृदय द्रवित हो जाय।
वाणी ऐसी बोलिये, जो मरहम बन जाय।।
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अतिथि देवो भव।
ये भारत की
परंपरा है जो हमें
तन मन धन से
सेवा करने का
अवसर प्रदान करती है और
सदाचार सद्भाव का
पाठ सिखाती है।— % &-
हम करते किसी का अपमान नहीं,
हम करते सब का सम्मान हैं
हम से,हमारी संस्कृति से ही देश का अभिमान है।
गंगा की पानी से वज़ू ,तो कोई करता यहाँ गो दान है,
इसीलिये हम सब की अपनी अलग एक पहचान है।
अतिथि देवो भवः कहते हैं हम,
और अतिथि हमारे भगवान है।
कहीं नही है ऐसा दूजा....
हाथ जोड़ कर प्रणाम करने वाला
एक ही हिन्दुस्तान हैं।
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आगंतुक अकुल अविचल अविचारित
अतिथि प्रस्थान प्रतीति पर्व कब करे वैचारिक-
#अतिथि_देवो_भव
We are trying our best to make "India" great in the international community!
But,
Some people are spoiling the atmosphere of the country and are trying to defame the country!!-
इस समय ना किसी के घर जाओ
ना ही किसी को अपने घर बुलाओ
क्योंकि !
"अतिथि रिस्की भवः"
😂😂😂-
अतिथि देवो भव भारतीय संस्कृति की पहचान
दुश्मन भी गर घर आए तो समझें उसे भगवान
जान लुटा दें उस पर अपनी ऐसा करें सम्मान
हमारे अतिथि भाव का दुनिया करे गुणगान-
मेहमान_
घर आए मेहमान,
जमकर करें उनका सम्मान,
मेहमान होते हैं भगवान समान।-