है कोई रहबर! तो हाथ थामो ता-उम्र
मगर बता दें, अंधे हुए थे हम इश्क़ में-
उस साथ के पीछे भागते रहे;
जो कभी अपना न था।
उस सच से दूर भागते रहे;
जो अपने लिए ही था।।
मोह में हुए अंधे;
कहा समझ पाते है-
समाज के मतलबी रिश्तो के वो धंधे।।
~dr.grover💕
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तुम अंधेरों की परतो से क्यों खेल रहे हो,
तुम अंधे नहीं हो,फिर क्यों अंधे बन रहे हो।-
इश्क करते हैं जो वो रोते क्यूं हैं
लोग इस क़दर मजबूर होते क्यूं हैं
दिलों को अपनी ठोकर पे रक्खते हैं
लोग इस कदर मगरूर होते क्यूं हैं
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"ज़रा सम्हल के चलना भाई
बड़े अंधे मोड़ हैं जिंदगी में..."-
समुन्दर में मछुआरों को प्यास से मरते देखा है
सांप का काटा पुजारी शिवालय में मरते देखा है
चर्च में बैठे भगवान को शूली चढ़ते भी देखा है
मुल्ला जी को मस्जिद में दबकर मरते देखा है
हे धर्म के ठेकेदारों बताओ मुझे इक बात ज़रा
कभी नेताओं को राज्यभवन में मरते देखा है
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कोई ना पहचान सका हमें इस जहान मे...
कुछ शाले अंधे निकले , और कुछ अंधेरों से...॥♡ऽp..!✍-
अगर तुम किसी के प्यार में अपना आत्मसम्मान भी खो रहे हो
तो तुम प्यार में नहीं हो, प्यार में अंधे हो।-
संविधान को सुविधानुसार तोड़ लिया जाता है...।
अंधों को ना जाने क्यों देश सौंप दिया जाता है...।।
मसअले हजार हैं अभी सुलझाने को...।
जाने क्यों हर रोज एक नया बवाल खड़ा किया जाता है...।।
अपने ही हाथों से लगा रहे हैं आग खुद को...।
मेरा देश कुछ हैवानों के हाथों बर्बाद हुआ जाता है...।।
लड़ा दिया मजहब की खातिर इन्सां को इन्सा से...।
वो देखो मेरे मुल्क का बाशिंदा शैतान हुआ जाता है...।।
कोतवाली लगी है भेड़ियों की हिफाज़त में...।
मासूम बच्चों को आवाज निकलने पर रौंद दिया जाता है...।।
ये तुम्हारी अंधी सल्तनत मुबारक हो तुमको...।
अब ये मन मेरा इन हालातों से इंकलाब हुआ जाता है...।।
📝AFसर©️
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