Dr. Afsar Safar   (SAFAR)
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Joined 18 April 2018


Joined 18 April 2018
27 JUN 2023 AT 0:04

अब ना पुकारेंगे तुझे, हम चले जाएंगे...!
छोड़ कर बदन अपना, हम चले जाएंगे...!!

इश्क़ में माफ नहीं बेवफाई...!
तुम जो बदले, हम चले जाएंगे...!!

तुमको गंवारा नही, हमारा खुश होना...!
ढूंढोगी एक दिन जब हम चले जाएंगे...!!

मयस्सर नहीं पाकीज़ा मोहब्बत सबको...!
नाम देकर बेवफा का तुझको, हम चले जाएंगे...!!

कोई सुने ना सुने वो तो सुनेगा आखिर "अफसर"...!
इबादतों में खुदा की, हम चले जाएंगे...!!
📝Afसर©️

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23 JUN 2023 AT 0:31

कितने झूठ खुद से बोलता हूँ हर रोज़...!
कई मर्तबा खुद को तौलता हूँ हर रोज़...!!
📝Afसर©️

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13 JUN 2023 AT 23:14

तुम क्या समझोगी दर्द हमारा...।
हर भाषा में नाम है मर्द हमारा...।।
📝Afसर©️

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13 JUN 2023 AT 22:40

अब दोस्त बस नाम के हुआ करते हैं...!
रिश्ते - नाते सब दाम के हुआ करते हैं...!!
📝Afसर©️

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9 JUN 2023 AT 21:56

किस कदर खराब है...!
हमको लगता है शराब हैं...!!

किसे राजी करें , किसे छोड़ दें...!
हर शख़्स यहाँ बिल्कुल नवाब है...!!

सिर अपने तुम बचा कर रखना...!
सवाल सियासत से पूछना अज़ाब है...!!

बारी एक दिन आएगी सब की...!
इंसाफ़ की खातिर मरना सवाब है...!!

तुम और कुछ कर नहीं सकते "अफसर"...!
तुम्हारें हिस्से में ढेरों किताब है...!!
📝 Afसर©️

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7 JUN 2023 AT 22:20

इत्तेफ़ाक से मिल गया कोई...!
दिल में घर कर गया कोई...!!

अकेला भटक रहा था कब से...!
हमें हमसफ़र मिल गया कोई...!!

हम तंदरुस्त अक्ल आदमी...!
हमें दीवाना बना गया कोई...!!

महफ़िल में भी तन्हा हो गए हैं हम...!
हमें इश्क़ का कलमा पढ़ा गया कोई...!!

बरसात कुछ नहीं आशिकी का मौसम है...!
हमें रोना है कैसे, ये सिखा गया कोई...!!
📝Afसर©️

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1 JUN 2023 AT 0:37

देखेंगे, देखने से क्या होता है...!
अंधेरो में बस धुँआ होता है...!!

नज़र दी है यूं तो खुदा ने सबको...!
मगर नजरिया सबका जुदा होता है...!!

तरबियत बताती है सलीका घर का...!
यूं तो हर शख्स बड़ा होता है...!!

खुद को ढूंढना बहुत मुश्किल है अब तो...!
कितने चेहरों में इन्सान दबा होता है...!!

मेरा इश्क़ हर रोज रंग बदलता है "अफसर"...!
इस दौर में सच्ची मोहब्बत का मतलब सजा होता है...!!
📝Afसर©️

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30 MAY 2023 AT 23:24

तेरे दीदार की खातिर कोई चला आया है...!
बरसों की मोहब्बत के बाद कोई कैसे पराया है...!!

बड़े हक से किये थे कभी वादे तूने...!
आज तक उनका मुझ पर साया है...!!

मोहब्बत हो जाती है मैली बाजारों में...!
बड़ा महंगा अब इश्क़ का किराया है...!!

कुछ जख्म रखे जाते हैं, ताजा हमेशा...!
हमने दुख हर रोज नाश्ते में खाया है...!!

हर शख्स की अलग उलझन है "अफसर"...!
किस्मत ने सबको कहीं ना कहीं डूबाया है...!!
📝Afसर©️

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16 MAY 2023 AT 15:10

हर चेहरा सच की गवाही देता है...!
कोई अपना ही तबाही देता है...!!

ये रवायत है दुनिया की अजल से...!
अदालत में झूठा गवाही देता है...!!

तुमको मुबारक हो खुशियां तुम्हारी...!
हमें हमारा गम मजा देता है...!!

एहसान हमें किसी का मंजूर नही...!
खुदा खुद्दारी किसी-किसी को देता है...!!

यूं ही तन्हा सब चले दुनिया से "अफसर"...!
कौन किसका मुकम्मल साथ देता है...!!
📝Afसर ©️



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5 MAR 2023 AT 0:52

मेरे सब्र से खेल, तू मेरा इम्तिहान ले...!
ऐ दोस्त तू मुझे ठीक से पहचान ले...!!

मेरी फ़ितरतों में वफा के सिवा कुछ नहीं...!
जरूरतों पर , तू मुझसे मेरी जान ले...!!

उलझने तमाम तंग करेगी जिंदगी में तुमको...!
मिलकर मुझसे गले, तू खुशियों का समान ले...!!

ना कर रंज, ना हो परेशां तू तकलीफों से...!
मेरे खजाने से तू मोहब्बत की कुरान ले...!!

हासिल कहाँ सबको दोस्तों की सोहबत...!
ऐ मेरे दोस्त तू बस खुद को पहचान ले...!!
📝Afसर©️

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