जाति धर्म के दंगों ने
कितनों के रक्त बहाए
गोदी मीडिया के समर्थक
क्यूं अंध भक्त हैं कहलाए-
जो कलतक राजनीतिक कबीर और बुद्ध थे
अब गिद्ध हो गए हैं
सत्ता के गलियारों में कहीं खो गए हैं
वतनपरस्ती की जगह वतन के विरूद्ध हो गए हैं-
अंध भक्ति ओढ़े हुवे , अंधा भया जहान
मूरत सोवे सेज पर, सड़कों पर इंसान-
सावधान! ये नया हिंदुस्तान है ध्यान रहे यहाँ:
1)रूपये की और प्रधानमंत्री की गिरती इज्ज़त पर बात न हो।
2)किसान और बेरोजगारों की आत्महत्या पर बात न हो।
3)डीजल-पेट्रोल के बढ़ते भाव पर बात न हो।
4)रेलवे में खुली लूट पर बात न हो।
5)दो करोड़ नौकरियों पर बात न हो।
6)गिरते हुए बाज़ार पर बात न हो।
7)दाल-टमाटर-प्याज पर बात न हो।
8)बंद हो गए विदेशी निवेश पर बात न हो।
9)घटते जा रहे निर्यात पर बात न हो।
10)चौपट अथ-व्यवस्था पर बात न हो।
11)बर्बाद कानून-व्यवस्था पर बात न हो।
12)बढ़ती महंगाई पर बात न हो।🤫-
पापी जीव हरण करें,
पत्थर पूजत भगवान!
आसा कर्म भजो रे भाई,
घर चौरासी धाम!!-
“लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।”
खैर! लाखों जूत्तों की सलामी उन धूर्त तुच्छ कुकुरमुत्तों को जो आज भी अपने पापाजी को डिफेंड कर आम लोगों के मौत का मज़ाक बना रहे हैं।🙏
#coronavirus-
सी- अमर अंधभक्ति किसे कहते हैं ?
मी- पाद को परफ्यूम सिद्ध करने की प्रक्रिया को ही
अंधभक्ति कहते हैं।😂-
वो बोले इस कदर कि उगला जहर तमाम
फिजा में फैले जहर ने कत्लेआम कर दिया-