Heart Virus   (नाइल्म शायर 👤)
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An introvert being extrovert through penned words.
Joined 12 November 2017


An introvert being extrovert through penned words.
Joined 12 November 2017
7 FEB 2022 AT 9:47

हाथ में इक गुलाब लिए, कल रात वह आई थी
खोला जब दरवाज़ा मैंने, बस उसकी परछाई थी— % &

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26 JAN 2022 AT 15:22

जात पात का ये संसार
करने भी नहीं देता प्यार— % &

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25 JAN 2022 AT 21:45

कहने को तो जी नहीं करता
पर न जाने क्यू
तुमसे नफ़रत सी हो गई है

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28 MAR 2020 AT 21:12

नए कल
संजोए हुए ,
आंखों में
छुपाए हुए !
क्या कल
भी ऐसा
ही होगा ?
क्या जीवन
सुगम होगा ?
इसी सोच
में आज ,
संसार मरा !

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25 MAR 2020 AT 14:33

बड़ी मुद्दत के बाद तेरे आगोश में आया हूं
इज़हार - ए - मुहब्बत कर दे तेरा ही साया हूं
"नाइल्म" से तू अब रुसवा ना हो जालिमा
कोमल सुर्ख होठों की अब मुझे दे दे लालिमा

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15 JAN 2022 AT 9:17

कितने सितारे मिलते होंगे , तब तेरे जैसे दोस्त बनते होंगे
तुमसे मिलन की चाह में, न जाने कितने इंतजार करते होंगे

शायद यह शायर लकी था, दोस्त जो तुमसे मुलाकात हुई
हां अनजानी राहों में नहीं, कॉलेज में पहली दफा बात हुई

यूं सिलसिला बढ़ा करीब आने का, दोस्ती भी गहरी हुई
तुम छाया देने वाली वो पेड़, जैसे ही जेठ में दुपहरी हुई

हंसते खेलते हमेशा रहे साथ, ज़िंदगी भी साथ तेरे जीना है
दोस्ती सलामत रहे हमारी, बुढ़ापे में साथ तेरे चाय पीना है

कभी कभी तेरी हर बात में, यूं मैं अक्सर खो जाता हूं
दोस्ती या प्यार पता नहीं, तेरे ही सपनों में सो जाता हूं

दुआ है रब से खुश रहो तुम, यूं ही दिल की बात करती रहो
अबकी इस नए साल में भी, इस दोस्त से अफसाने कहती रहो

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31 DEC 2021 AT 15:12

चाह कर भी मुमकिन नहीं, खुद को समझा रहा हूं
पास होकर भी आज, दूर तुमसे मैं जा रहा हूं

कितने वादे किए थे हमने, पर कोई भी निभा नहीं पाए
प्यार मोहब्ब्त इम्तिहान है, क्यूं हम उन कसमों को खाए

आंखों से आंसू नहीं , जज्बातों के अश्क बहते हैं
आने वाले नए साल में, प्रेम करने की बात कहते हैं

सर्द की तन्हा रात है, और तुम्हारी याद आती है
दर्द भरे तुम्हारे दिल की, हर बात मुझे बताती है

बेसब्र या बेकरार, क्या हाल है मेरा किसे बताऊं
क्या लिखूं क्या पढूं, अपनी कविता किसे सुनाऊं

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22 DEC 2021 AT 8:17

जीवन दर्शन

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13 DEC 2021 AT 18:31

चंद फासलों पर बैठे हुए
यूं तेरा गुलाब की तरह खिलना
हकीकत तो मुमकिन नहीं
कमसकम सपनों में ही मिलना

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7 DEC 2021 AT 15:39

आगे बैठी किसी और के साथ गपशप लड़ाती है
और मुझ शायर को वफ़ा का पाठ भी पढ़ाती है

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