✍️"मेरा देश एवं अमर शहीद"
अनगिनत बलिदानों से बन पाया था स्वतंत्र मेरा देश,
जो इतिहास लिख गया जिसमें ज़िक्र है पूरा परिवेश।
हाँ, वो चले गए दुनिया से अमर हैं अब यादें जो बन गए।
पता न रहा कुछ का ठिकाना न जाने कहाँ वे दफन गए।
सलाम उनको दिल से बड़ी शिद्दत से दे दें तो भी कम है,
वाकिफ़ जो हैं उनके बलिदान से वो जो कितने अहम हैं।
न भूली जा सकेंगी उनकी गाथाएं वो यादें साथ हरदम हैं।
जितना सोचें उस जमाने को क्या बताएँ उतना ही कम है।
तहेदिल से उनके अमूल्य कुर्बानी उनके कोशिशों को सलाम है।
उसने ही किया हमारे लिए इस स्वतंत्रता का पुख्ता इंतजाम है।
समझ आता है उन दिनों का माहौल, जैसे स्वप्न आया हो मुझे।
सोचता हूँ तो गर्व होता है जैसे उन शहीदों ने ये बताया हो मुझे।-
सांवले रंग की बस इतनी सी कहानी है ।
क्या राधा क्या मीरा तेरी तो सारी दुनिया दीवानी हैं ।
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अरे यह कैसे बड़ी बात बाकी है,
अभी तो खुद से खुद की मुलाकात बाकी है,
अभी तो खुद से सवालात बाकी है,
अभी तो खुद के खुद पर एहसान बाकी है,
जीवन में खुद की पहचान बाकी है,
क्या अभी भी सवरने की कई शाम बाकी है।-
सन 2020 को लोग भूलना चाहतें हैं....
परन्तु वास्तव में यह वर्ष इतिहास में अमर हो गया...
दुनिया कोरोनावायरस के कारण इसे याद रखेगी....
और सभी हिन्दू धर्मानुरागी इसे राममंदिर के स्थापना वर्ष के रूप में.....
जय जय श्री राम 🚩
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डॉ बाबासाहेब आंबेडकर
गौतमबुद्ध ज्ञान के समुद्र
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर
कोटी कोटी नमन
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जाओ
पर
जाते हुए
सुन जाओ जरा
मान भी जाओ हमारा कहना
बस इतनी सी इल्तज़ा है
जाते जाते दे जाओ दिलासा
यह कह कर जाओ कि
होगा सबका भला
किया तुमने सबको तंग
जीवन सबने जिए ऐसे
जैसे कि हो कोई जंग
हर प्राणी था व्यथित
बस करो अब
उसे रहने दो अतीत
याद भी नही करना
बीता साल
बन जाए वो
गुजरा जमाना
तुम्हे करना है विदा
जाओ
पर जाते हुए
सुन जाओ जरा..
Vibha Mehta
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बाप तो समझ गया था और बेटे को कामयाब बनाने में अपनी जिंदगी गुजार दी.....।।
पर बेटे को गर्व बाप पर नहीं धर्मों के अंध विश्वास पर है.....।।
वाह रेे २१वीं सदी के धर्मांध युवाओं....!!
अभय नास्तिक
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जब तुम्हें ज़रा सा भी ऐतबार नहीं है,,,
तो कह क्यों नहीं देते के,
तुम्हें हमसे प्यार नही है???
तुम्हरा हाल भी किसी को जानना होता है,,
तो वो भी हमारी नज़रों को पढ लेता हैं!!!
अब तुम्हीं बताओ के हमारा इज़हार खुलेआम नही है???-