Vibha Mehta   (विभा मेहता🥀)
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Joined 21 August 2018


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19 HOURS AGO

लगती है मुझे तो भली
नही चहिए शान कोई झूठी
हम तो जैसे हैं दिखते हैं वैसे ही
पहचान तो अपनी है बिल्कुल असली ।

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27 APR AT 15:26

रिद्धि सिद्धि सुख समृद्धि प्रदाता
गणपति महाराज रखना आशीष सदा
नूतन गृह प्रवेश ,है ये आपकी कृपा
लाभ शुभ सहित पूरी करना हर कामना ।


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21 APR AT 23:11

मेरा
मुझे नहीं आता दिखावा
जैसी भी हूं
जो भी हूं मैं
मुझे जीना है इसी तरहा
खुद को नहीं मुझे बदलना
चाहे बदल जाए ये जमाना ।

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20 APR AT 12:21

नियति का खेल नहीं हमें मंजूर
कर देती है क्यों हमें अपनो से दूर
कुछ और हमारे साथ हो लेते
हमें जीवन में हौसले मिलते
ये भाग्य क्यों अठखेलियां है करता
ये दुःख दारुण हमें क्यों देता
रोते रहेंगे जीवन भर इनकी याद में
पिता है हमारे प्राणों से प्रिय
कहते हैं संसार से ।

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20 APR AT 12:04

अश्रुपूरित नयन से
नमन करते ह्रदय से
असमय ही छोड़ गए थे
हुई असहनीय ह्रदय व्यथा हमें
उदार व्यक्तित्व के धनी थे आप
होता है आज भी आपका बखान
मिलनसारिता थी ऐसी
चहुँओर आज भी है आपकी ख्याति
अकस्मात परलोक सिधारना आपका
था ह्रदयविदारक बड़ा
टूट पड़ा था वज्रपात
परिवार जन पर आघात लगा
सजीव हुआ चलचित्र वही
पुण्य तिथि पर आपकी
दिन महीने साल
गुजर जाए कितने ही तमाम
दर्द आज भी वही
पुण्य स्मरण आपका
सदा ही मन में संजोए
अमर है आप
सदा आशीर्वाद रूप में।
सादर नमन...विभा🥀








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17 APR AT 9:04


नयनों से
पिता की याद में
आंसू ढुलक रहे
ह्रदय की वेदना है
केवल यही समझ रहे ।

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26 MAR AT 21:08

हैं
कुछ लिखा नहीं मैंने
न जाने क्यों मन खिन्न है
लिखना मेरे लिए मजबूरी नहीं है
जब मन चाहता है
तभी मेरी कलम चलती है ।

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25 MAR AT 11:52

होली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रेषित है ये मेरी रंग भरी रचना....
💐💐💐💐💐💐
मस्ती की उमंग में है झूम उठे
दिल में जब खुशियों के है रंग भरे
आया जब से फागुन बहार लिए
हवा में उड़ने लगे हैं गुलाल स्नेह से भरे
मस्ती की उमंग में है झूम उठे
दिल में जब खुशियों के है रंग भरे....

हरे लाल नीले पीले रंग है गुलाल के
फिज़ा में घुल खुशनुमा माहौल बना दे
हर कोई मस्त है इस रंगो की होली में
भूल गए हैं दुःख विषाद के जो बादल थे छाए
मस्ती की उमंग में है झूम उठे
दिल में जब खुशियों के है रंग भरे....

अपने पराए का भेद न कर पाएं
प्रेम के रंग में यूं सराबोर हो जाएं
कोई किसी से न अब रूठा रहे
बैर भाव भूल अब सबको गले लगाएं
मस्ती की उमंग में है झूम उठे
दिल में जब खुशियों के है रंग भरे....

रंगो की खूबसूरती से जीवन सजाएं
त्यौहार को प्यार की खुशबू से महकाएं
जात पात धर्म का न कोई भेदभाव रहे
उत्सव होली मिलन का सब मिलजुल कर मनाएं
मस्ती की उमंग में है झूम उठे
दिल में जब खुशियों के है रंग भरे.....l

विभा मेहता🥀"प्रेरणा"

स्वरचित "पूर्ण रूप से मौलिक"

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8 MAR AT 18:49

आई है शुभ मंगल बेला
गौरा और शिव का ब्याह रचा
पार्वती ने की थी कठिन तपस्या
तब जाकर उन्हें इच्छित वर है मिला
आई है शुभ मंगल बेला...
मात पिता ने विष्णु जी को चुना
पर गौरा का चित्त शिव में रमा
दिन रात थी मन में यही लगन
मैं तो हूं भोला में मगन
आई है शुभ मंगल बेला...
सखियों के संग चल दी वन
बस गए शिव गौरा के मन
भोला को ही चुनूंगी अपना वर
था उनका यह दृढ़ निश्चय
आई है शुभ मंगल ....

आगे का कैप्शन में..











मात पिता खोजने लगे
बेटी के लिए थे चिंतित बड़े
पाया वन में तपस्या करते
नमः शिवाय के जाप में रमते
आई है शुभ मंगल बेला...
शिव संग ही मैं ब्याह करूंगी
नहीं तो अपने प्राण तज दूंगी
थी गौरा संकल्पित
तनिक भी नहीं हुई विचलित
आई है शुभ मंगल बेला....
मात पिता ने मानी बात
चल दी गौरा रानी साथ
विवाह मंडप था दिया तान
गौरा का था रखा मान
आई है शुभ मंगल बेला....
बाघम्बर पहने आए भस्मधारी
संग संग भूत बने बाराती
रूप देख ऐसा मां मैना चकराई
ये कैसा विचित्र है प्राणी
कैसे बनेगा मेरा जमाई
आई है शुभ मंगल बेला
गौरा और शिव का ब्याह रचा...।
है नाथ ये कैसा स्वांग रचा
मेरी मां रही घबरा
गौरा ने शिव से कहा
भोले ने चंद्रमौली रूप धार लिया
हो गए सब निहाल
सुंदर शिव का रूप निहार ।









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8 MAR AT 18:27

समस्त सृष्टि की सूत्रधार है
आदि अंत और मध्यस्थ है
इसके बिना जीवन शून्य है
सत्य है लेकिन यह भी
कि पुरुष का होना भी
उतना ही जरूरी है ।

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