ममता की छांव के तले
ये जीवन प्यार से पले
कदम दर कदम चले
मां ने बढ़ने के दिए हौंसले......
बहुत सुंदर विषय"ममता की मूर्ति मेरी मां "
साझा संकलन में मेरी स्वरचित कविता ..-
ना ही किसी से होड़
मेरी अपनी लेखनी
मेरी अपनी सोच
शब्दों की मैं नहीं धनी
नही... read more
लिए पूजा की थाल
हर सुहागन छत पर आज
अपने पिया को ले साथ
रखती अखंड सौभाग्य की आस
और उसकी ये चाहत
बढ़े आपसी प्रेम ,विश्वास
है चांद आशीष की चन्द्र किरण
बरसाने जरूर आना
रहेगा इंतजार।
-
आराधना है जीवन
मन ,वचन और कर्म
तीनों पर हो
आत्म अनुशासन
संयमित रहे जन
क्योंकि साधना है
आराधना है जीवन।
-
एक लक्ष्य साध कर चलो
सफलता के प्रयास करते रहो
निराशा को न आस पास भटकने दो
आशावादी बन कर्म अपने करते रहो
समय चलता रहेगा सदा अपनी गति से
नहीं रुकेगा कभी आपके लिए
चलते रहो निर्बाध गति से
तय करने की ठान लो
मंजिल के रास्ते।-
फल प्रभु संकीर्तन का मिलेगा
निश्छल मन से जो करेगा सुमिरन
स्वयं को प्रभु के निकट पाएगा ।-
क्यों विचलीत रहते हो
प्रारब्ध में लिखा है जो
होकर रहेगा वो तो
प्रयास करते रहो
निश्चित है परिणाम सुखद हो।-
मन में कुछ करने की ठान लो
है प्रतिभा सभी में कुछ तो
बस जरूरत है खुद को परखने की
करो वो काम जो मन को भाए
लक्ष्य कोई तो जीवन में साध लो ।-
नहीं बनाने आएगा
कोई आपकी तकदीर
चमकानी होगी लकीरें
हाथों की अपनी
प्रयासरत रहना होगा
कर्म के प्रति अपने
तभी संवर पाएगी
ये जिंदगी अपनी ।-