अच्छा बुरा वक्त दिखाती है,
हद से भी ज्यादा किसी पर
विशवास मत करना, यही
पाठ ज़िन्दगी हमें पढ़ाती है,
ज़िन्दगी सिखाती है।।-
ज़िन्दगी की डाँट खा कर, खुद की गलतियों से सीखना है
ना रुकना है ना ठहरना है, बस खुद को बेहतर करते जाना है
डाँटती है ज़िन्दगी हमें सिखाने को, ज़िन्दगी जीने का सलीक़ा
ग़र न डाँटती ज़िन्दगी तो, कैसे बढ़ते इस जीवन पथ पर
ज़िन्दगी की डाँट खा कर ही, जाना हमने यही सत्य है
है अनमोल ये ज़िन्दगी, सोच समझ कर इसे ख़र्च करना है... !!!-
ज़िन्दगी में अगर खुश रहना है,
तो वक़्त रहते ये सीख लो,
चाहे रिश्ता अपना हो या पराया,
अपने को लोगों के बीच उतना ही खोलो,
जितना आप सह सको,
क्योंकि अगला व्यक्ति को कब क्या खराब लग जाये,
कुछ भरोसा नही,
इसलिए अगर खुद को मजबूत बनाना है तो औपचारिक ही रहो वरना आपकी ज़िंदगी अनौपचारिक हो जाएगी ।-
ज़िन्दगी हमें
अक्सर हैरान करती है
हर बार नये मसले खड़े कर
हमें परेशान करती है....-
इंसान ना कुछ हँसकर सीखता है,
ना कुछ रो कर सीखता हैं।
जब भी कुछ अलग सीखता है........
या तो किसी का होकर सीखता हैं,
या तो किसी को खोकर सीखता हैं।।-
जीवन की तंगियाँ ख़ुद-ब-ख़ुद खुल जाएंगी,
बस तुम मन को हल्का करना सीखो,
जो कल हुआ उसे जाने दो,
और सीख कर आगे बढ़ना सीखो,
लंबी राहों में कई ठहराव मिलेंगे,
कुछ पल वहाँ ठहरो, फ़िर बढ़ना सीखो,
मोह ना लगाना उन ठहरावों से,
मंज़िल दूर है और राहें लंबी,
बस मन बांध कर तुम आगे चलना सीखो,
जो कभी मन भटकने लगे मंज़िल से,
उसे खींच कर राह पर पटकना सीखो,
ज़िन्दगी है, कभी भागेगी तो कभी थमेगी,
तुम मुसाफ़िर हो, तुम मंज़िल पर चढ़ना सीखो।-