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तुम्हारा यूं मुझे देखना बेहिसाब बेक़रारी जगाता है,
कुछ अनछुआ, कुछ अनकहा सा पल,
मेरे दिल को खामोशी से धड़कता हैं..!!-
जुनून, शौक़, तलब, ख़्वाहिश, सुकूँ, क़रार बन जाऊँगा,
तू इक कहानी तो बन, मैं कोई भी किरदार बन जाऊँगा!-
आदत नहीं है वो मेरी जो कुछ वक्त बाद छूट जाएगी,
ख़्वाहिश है मेरी वो जो कभी पूरी नहीं हो पायेगी।-
आरज़ू, ख़्वाहिश, तलब, कोशिश, क्यूँ करते हो,
इश्क करना है तो करें, मेहनत क्यूँ करते हो!-
चलो, मुलाकात की वजह बता ही देते है बेसबब,
कुछ अनकही बातें है जो खामोशी से कहना हैं!-
मैं ख़्वाहिश की बंदिश में नहीं बँधी
ना मेरी कोई चाहत ज्यादा है..
जीने के लिए मुझे बस तेरी जरूरत
खुद की ज़िंदगी से भी ज्यादा है..-
अब ख़्वाहिश नहीं रही उसे आज़माने की;
वो मिले मुझसे या किसी ग़ैर से, इश्क़ उससे बेपनाह करूँगी।-
नंगे पांव दौड़ पड़ती हैं कमबख़्त मेरी सारी खुशियां
कोई ख़्वाहिश ज़रा सा फुसला के उंगली पकड़ाती है।-