हद से गुजरकर देख लें ये मुश्किलें,
सख़्त फौलादी हैं अपने हौंसले..!
जिंदगी पायी है उसको जी भी लो,
वक़्त ये शायद दोबारा ना मिले..!
तुम चलो आगे बढ़ो कुछ दूर ही,
देखते रस्ता तुम्हारा काफिले..!
नेकियाँ कुछ कर सको जिंदा हो गर,
भूल जाओ तुम सभी शिकवे गिले..!
स्वतंत्र होना ही मुक़द्दर कम नहीं,
खत्म कर दो मायूसी के सिलसिले..!
सिद्धार्थ मिश्र-
चाय की हर धूँट जैसे हौसले की एक उड़ान भर जाती है
मन की थकान दूर कर आशा की उम्मीद जगा जाती है
ये उम्मीद दुसरो से नही करना बल्कि,☕️☕️☕️☕️☕️
ये उम्मीद की किरण जैसे खुद को ही रौशन कर जाती है-
#ख्वाब 🤨टूटे है
मगर #हौंसले 💪_जिन्दा है,
हम तो वो है 👉जिन्हें #देख👀 के
#मुश्किलें भी 😒 #शर्मिंदा है !!-
हौसलों की कमी थी,
इल्जाम दुनिया को दिया।
काम कुछ ऐसा किया हमने....
चेहरे में कमी थी,
दोस आइने को दिया।-
'हौंसले' जफ़ाकश हो अगर, तो क्यों कर मात होती
बेइंतहा ख्वाहिशमंदी भी, कभी बगावते ज़ात होती
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मेरे सपने मुझे अब जगाने लगे,
हौंसलों को मेरे आजमाने लगे..!
नींद टूटी है अब तो पता ये चला,
आंख खुलने में मेरी जमाने लगे..!
चल पड़ा हूँ सफ़र पे अकेले स्वतंत्र,
ख़्वाब आखों मे सब झिलमिलाने लगे..!
सिद्धार्थ मिश्र-
हरा दिया है फिलहाल
तूने मेरे सपनों को ए ज़िन्दगी,
देख सामने खड़ा हूँ मैं
मेरे हौंसले अभी हारे नहीं।-