उसने देखा है फकत झील-सी आंखे ,
उसने आंखों में मगर झील नहीं देखा !!
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मेरी एक,
नामुमकिन सी,
ख्वाहिश है,
बारिश हो,
पर........!
कीचड़ ना हो।-
हम कुछ ना कह सके उनसे इतने जज्बातों के बाद
हम कुछ ना कह सके उनसे इतने जज्बातों के बाद
हम अजनबी के अजनबी रहे ज़िन्दगी की सारी बातों के बाद
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फुरसत मिले
तो कभी खुदको ढूँढ़ना
समुन्दर जितने गहरे
दिल का हाल पूछना
झील सी
आँखो को देखना
बच्चे से
मन को बुलाना
फुल सी नाज़ुकी
होठ को महसूस करना
शहद सी मिठास
बातों को समझना
चांद सा रोशन
चहरे को देखना
जिस्म का अहसास
रूह से करना
नज़रिये के
फ़र्क़ को समझना
याद में डूबे
ख्यालो से मिलना
हो सके तो
खुद को मुझे में ढूंढ़ना।
_by pariza
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हो जाता है कभी कभी
हो जाता है कभी-कभी कह कर वो चले गए!
एक हम है जो पथराई आंखों से देखे जा रहे हैं!!-
प्यार में वफ़ा की उम्मीद
तो सब करते हैं ,
पर खुद वफादारी करना
भूल जाते हैं ;
कहाँ तक सही है
रखना वफा की उम्मीद
एक तरफ से
कभी तो वफा के बदले
वफा करो दिल से ;
सफर आसान
हो जाएगा
प्यार से प्यार
हो जाएगा !!-
काश!!
एक दुआ मेरी मुकम्मल हो जाएं,
मैं ना सही मेरी जगह उसकी जिंदगी में कोई और आ जाये।।-
हक तो बहुत है,
पर कह नहीं सकता।
कह दिया अगर,
कायनात में,
तूफान आ जाएगा।
बस कुछ सोच कर,
लबों पर लॉक लगाता हूं,
कोई दुःखी ना हो जाए,
यही सोच कर,
मैं मेरा जज्बात,
दबा जाता हूं।-