कान्हा तोरी बंसी मोहे भाए बहुत है
अधरों से जो बंसी तू लगाए बहुत है
मोहे तनिक सा स्थान हिया में तू दे दे
तेरी स्मृतियां मोरा हर्दय महकाएं बहुत है
मैं तो प्रेम में तोरे सुध बुध खोई रे
स्वप्न में तू दिखे अँखियाँ लजाए बहुत है
तोरा सांवरा रंग मोरी धानी चुनर
हिया में तोरी सांवली सूरत समाए बहुत है
प्रेम में मोरे तू भी है जाने जिया मोरा
मान भी जा कान्हा तू सताए बहुत है-
कलीरों की भांति है प्रेम पिया
उन्मत्त रव ध्वनि धड़के जिया
ये जो कंगना में लटकते हैं ना
बांधती हूँ इसमें सिंदूरी किया-
अभी नहीं सब्रे तो
कभी खुद को सम्भल नहीं पाओगे...
जरा सब्र जा मन की सोच,,,,,
बरना बाद में उनके यादों आये
तो आसूं को रोक न पाओगे..
अभी अनके बारे में सोचके
ईतना मत धड़को मेरे दिल,
बरना उनके चले जाने पर,
बिखरे हुए दिल को लेकर
उसके प्यार में तड़पते रह जाओगे.....-
साचे थाम गया हैं,
तूम्हारी एक नजाकत को देखने के लिए,
यह आखें बडे़ तरस रहे हैं.......-
मेरे हिया की पीड़ा
तू क्या जाने सावन
जानूँ तो बस मैं ही जानूँ
जिसका दूर है साजन ।
नमिता सिंह-
हमरे हिया के क्रन्दन में भी
तू हस्ते आवs
हम घनघोर बद्री के जलते ज्वाला हैन
तू चिंता मत करs
इ धधक रहल अंतस में
तू नीर बरसाते आवs
हम पतझड़, गाछ, पत्ता पत्ता
शुष्क एकांत हैन
तू हमर जीवन में
बर्षा बन अवश्य आवs!-
बेखौफ होकर यारो ज़िन्दगी को हमेशा जिया करो,
वक़्त से पहले आयेगी न मौत, छोटा न हिया करो।
मुश्किलें जो भी आएं राहों में यदा-कदा तुम्हारी,
मुस्कान के साथ उनको सदैव ही यूं पार किया करो।
-
माँ का होना कभी किसी खजाने से कम नहीं होता।
है बदनसीब जिसे माँ के जाने का गम नहीं होता।
कुछ लोग जहाॅं में ऐसे भी हैं जो ना कभी भीगते -
हो कैसी भी बरसात पत्थर का हिया नम नहीं होता।
-