QUOTES ON #हिंदी

#हिंदी quotes

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9 JUN 2020 AT 20:50

" फिर मिलेंगें..... "

अंतर्मन की शाखाओं से फूल खिलेंगे,
जब इन सूखे नैनों से साजन मिलेंगे,

आकांक्षाओं की चेहरे हर दर्पण भरेंगें,
लाज़ शरम वो छोड़ वो संग उड़ेंगे,

ह्रदय की सीप से कई मोती गिरेंगें,
वो पहले तो थोड़ा दूर रुकेंगे,

फिर अगले पल हम दोनों ख़ूब हँसेंगे,
पंछी आकाश में सुरीले गीत बुनेंगे,

बरसों के बिछड़े प्रेम और प्रेमी,
रेत की चादर के भीतर एक नया जन्म लेंगें...!!

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18 NOV 2019 AT 19:33

कितना कुछ बोल लोगे
कितना कुछ जूठ मुठ का तारीफे बूनोगे
जब प्यार मैं हो तोह सदियों की बात करोगे
सच तोह ये है जितना प्यार करोगे
उतनी ही बेरहमी से जाएगी वो ।
वक़्त बीते तोह ज़ख्म पुराना हुआ
पर क्या करे जब उसका नाम भी साथ ना चोरे ।।
आज की बात बस इतना है
वो होती तोह हम भी जी लेते
आज कमिया उसकी इतनी है
वो होती तोह उसके लिए हम भी मर लेते ।।

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20 JAN 2021 AT 8:23

किसी किताब के पहले पन्ने या आवरण को क्या कहते हैं -
1. मुख्यपृष्ठ
2. मुखपृष्ठ?

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1 FEB 2020 AT 14:31

आपने पद्म पुरस्कारों के बारे में सुना ही होगा, क्या आप उनका अर्थ जानते हैं

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21 AUG 2019 AT 23:02

राजा बोला रात है
रानी बोली रात है
मंत्री बोला रात है
सन्तरी बोला रात है
ये सुबह सुबह
की बात है

~ गोबिंद प्रसाद

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3 DEC 2019 AT 10:43

क्या आप ज्ञ का सही उच्चारण जानते हैं ?

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26 DEC 2019 AT 16:48

कियू तू दूर नहीं
कियू तू पास नहीं
एहसास बन के रहा
फिर भी कोई आहत नहीं
मिलना नहीं लेकिन मिले है
तुम्हें ना देखू फिर भी नज़रे मिले है
जरा देर में तेरा चेहरा कयू दिल से मिले
तुम भी हो वही हम भी है वहीं
यादे वो वादे मिले है बेजुवान बातें
बेसन हूं अब भी तेरे वास्ते है अधूरे दोनों सही
मै कैसे तुजे भूलू गुमशुम दिल को क्या समजाऊ
ओ रंगरेज रंग दे मेरे सास तेरा इश्क़ ही है मेरा प्यास....
दूर ही सही परवाह नही
प्यार है सच तो है यहीं

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2 JAN 2021 AT 11:17

कल बीते रात धर्मवीर भारती जी की मौत की ख़बर मिली। भारती के विकास की काफ़ी संभावनाएं थीं, पर उनके मुरझा जाने की और भी अधिक। यूँ चेहरे पर भारती काफ़ी उत्फुल्लता रखने की कोशिश करता था, पर अंदर से कुछ बीमार था वे इतनी छोटी अवस्था में चल बसे, सुनने में आता है बीमार चल रहे थे, दो बीमारियाँ तो बहुत स्पष्ट थीं- एक तो पढ़ने के दौरे आते थे और दूसरी बीमारी थी उन्हें टहलने की। यह अवश्य प्रार्थना करता हूँ कि भगवान उनकी आत्मा को कभी शांति न दे, वरना उनकी प्रतिभा मर जाएगी।

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17 APR 2020 AT 12:33

सपनों की दुनिया को जीतने के लिए,
काश, हमने वास्तविकता को थोड़ा पहचान लिया होता.

आसमान को छूने के अरमान लिए,
काश, हमने ज़मीन की अहमियत को पहचान लिया होता.

चूर हो गए हम इतने जीत का जश्न मनाने के लिए,
काश, हमने हार को भी कभी ध्यान से पढ़ लिया होता.

जीते थे शान से कभी जिस हंसी को मुख पे लिए,
काश, हमने आज सपनों के बोझ तले उसे आज दफ़न ना किया होता.

अरमान सजाया था जिस जीवन को शान से जीने के लिए,
उन्ही अधूरे अरमान के साथ आज मृत्युशैया पर लेटे यह सोच रहे थे ,
काश , हमने यह जीवन थोड़ा जी लिया होता।

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5 JAN 2020 AT 8:06

दिन- रात भू तपती है
आव्हान करती है
पिपासा अमृत की
प्राण प्रिये उबलती है
जग-जल , भू-थल
कर भाग पिघलती है
अनिल-अनल , वात-जल
सब उगलती है
धरा सुंदरी
जग-मग-जग-मग
प्रणय प्रभात करती है !

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