" स्वार्थ "
मृत्यु मनुष्य की होती है उसके रिश्तों की नही,
रिश्तों को तो केवल स्वार्थ मार सकता है...!!-
" मुस्कुराते लोग "
ये मुस्कुराते लोग
जो तुम्हें दिखाई देते है
अपने आसपास,
इन्होंने बड़ी खूबसूरती से
अपने आँसू
दुनिया से छिपा रखें है...!!-
" ज़िन्दगी untold - २१ "
आजकल लगता है कि फ़ोन में मौजूद ज्यादातर लोग शायद व्हाट्सअप स्टेटस देखने के लिए बचें है...!!-
" पिता और पुत्र "
जितनी हसरतें एक बेटा पाल कर रखता है,
उससे ज़्यादा अफ़सोस एक पिता संभाल कर रखता है....!!-
" मेरी तलाश "
मुझे पाने में तुम्हें कुछ हासिल नही होगा,
मैं तो ख़ुद अपनी तलाश में भटक रहा हूँ, जाने कब से...!!-
" क़ुदरत "
बादल आसमां से रूठ कर आँसू बहाता है,
घर कहीं और होता है और
ज़मीन किसी और की ज़िंदा कर जाता है....!!-
" पिता कहते नही है "
पिता पर लिखने के लिए मुझें
अभी और समय चाहियें,
क्योंकि पिता सा बनने में,
या उनके अनुभव तक पहुँचने में
काफ़ी समय बाकी है,
पिता को अपनी समझ से जितना जाना है
उसके कुछ हिस्से में वो पहाड़ से लगते है
तो कुछ हिस्से में किसी नर्म शॉल,
जिसकी ओट में रहकर
मैं बचा रह हूँ कई बार मुश्किल समय में,
पिता से मेरी अपनी कई नाराजगिया भी है
जिसे उनके पिता होने ने कभी ख़त्म नही होने दिया,
पता नही क्यों !
पिता होना शायद आसान नही,
कुछ बहुत जरूरी सा पीछे रह जाता होगा,
आने वाले कल की ज़रूरत के लिए,
इसीलिए शायद पिता कहते नही है,
और माँ कभी बताती नही है.....!!-
" आजकल का नेता "
आजकल वही असली नेता है,जो जनता को कुछ ना देता है,
जिसके लिए सत्ता केवल एक ठेका है,
और ख़ुद सबसे बड़ा घूसखोरी का बेटा है,
जिसको मतलब के लिए मंदिरों मस्जिदों में जाते आपने देखा है,
और सोशलमीडिया जिसने दबाकर फेंका है,
जो कहता सब चोर है
और जिसके हर फैसलों में स्वार्थ दोस्तों का बैठा है,
समस्या है जिसे गरीबी से मगर ख़ुद विदेश घूमता रहता है,
परिवारवादी सोच से नफ़रत और परिवार को ही चुनता है,
आजकल वही असली नेता है, जो जनता को कुछ ना देता है...!!-
" अज़ीब सी बात है "
यूँ तो है हर तरफ, उम्मीद के फ़साने बहोत,
जानें क्यों, हर शख़्स फिर भी ख़ुद ही से ख़फा सा है...!!-
" दोगले "
तोड़ते हो ख़ुद
और
फिर जोड़ने की बातें करते हो,
बड़े दोगले हो, लगता है
राजनीति से
बहुत प्यार करते हो....!!-