वह कैसे कहेगी – हाँ!
हाँ कहेंगे
उसके अनुरक्त नेत्र
उसके उदग्र-उत्सुक कुचाग्र
उसकी देह की चकित धूप
उसके आर्द्र अधर
कहेंगे – हाँ
वह कैसे कहेगी – हाँ ?-
21 OCT 2019 AT 5:23
19 NOV 2020 AT 23:46
अच्छे हो, हाँ! तो अपने मन से रहो।
जिंदगी जीना है, तो बुरे बन के रहो।।-
22 OCT 2020 AT 17:29
दिल करता है, तो मिलते क्यूँ नहीं
मिलने को एक हाँ, भरते क्यूँ नहीं
फिर रोने आओगे मेरी मज़ार पर
जीते-जी ये फ़ैसला, करते क्यूँ नहीं-
25 DEC 2017 AT 18:24
हद से आगे गुजरना,चाहता तो हूँ मैं,
पर,आपकी खाम़शी को मैं,
हर बार, 'हाँ 'भी नहीं मान सकता।-
6 JUN 2020 AT 5:44
मेरी ना को ना और हाँ को हाँ समझा तुमने
मैं जब चुप रहा तो कहाँ समझा तुमने-
15 MAR 2020 AT 12:14
ज़माने के डर से वो कह न सकी हाँ
उसकी एक ना ने लूटा मेरा जहाँ-
6 OCT 2019 AT 22:54
किसी के ना कहने पर रुकता कौन है?
किसी के हाँ कहने पर जाता कौन है?-