आनन्दमय हो जायेगा मन
ये नजारा देख गांवों का
पेड़ पौधों व हरियाली है
मजा लो पीपल छावों का-
तूने हरियाली चुनी
मुझे दे दिया बंजर
जैसे समंदर के सीने में
बादलों ने घोंपा खंजर-
जब रहता उजाला दिन में बल्ब बुझाये रखना है,
पेड़ों से बनी किताब नही आधुनिक ईबुक प्रयोग करना है,
ज़रूरत हो जब सर्द रातो में तब ही आग जलाए रखना है,
बेवजह ईंधन खर्च नही करना पैदल चलकर गलियों में भ्रमण करना है,
क्योंकि हरियाली को, हरा बनाए रखना है।-
नमन है ,देवी आपके हर स्वरूप को।
माँ, बहन ,पत्नी ,बेटी हर रूप को।
माँ बनकर बेटे के लिए मांगते हो।
बहन बन भाई की खुशियां चाहते हो।
पत्नी बन उसकी लंबी उम्र की कामना करती हो।
बेटी बन खुशियों से झोली भर्ती हो।
हर रूप में तुम कहा खुद के लिए करती हो।
नमन है देवी,तुम हर रूप में पूजनीय लगती हो।।-
रोकें दूषित वायु दूषित जल, जो पर्यावरण में डाले खलल।
अब विकास के नाम नहीं, पेड़-पौधे काटें निर्मल।।
हरियाली प्यारी आंखों को, प्राकृतिक वायु शुद्ध करे।
कल-कारखाने की दूषित हवा, जनविकास अवरुध्द करे।।
करें व्यवस्था ऐसे हम, इनसे छुटकारा मिल जाये।
हर कोई लगाए एक पौधा, तो हरियाली खिल जाए।।-