मुझ से किए वादे याद भी ना होंगे तुझे, इतना तो बता रखीब से किए वादे कितने पूरे कर चुके हो, अब तो दिल के साथ-साथ उम्मीद भी टूट चुकी है मेरी, इतने गम दिए तुने मुझको की अब तुम हद पार कर चुके हो......
अब इस महामारी की, कितनी लाशें बिखरी हैं किनारों पर, न जाने कितनी गंगा में बहा दी गई और कितनी मिट्टी में दफना दी गई शमशानों में भी जगह नहीं इन्हे जलाने की, न जाने कितनों को अनाथ बना दिया किसी ने माँ तो किसी ने पिता, किसी ने भाई किसी ने बहन खो दिया...।😔