गजब का मर्ज है ये ईश्क भी साहिब,
जाे रकीब है वही हकिम भी..-
5 DEC 2020 AT 23:31
जख्म मुझे, खुशी देते है,
और हकिम मुझे, दर्द देते है।
खुशी मुझे, दुश्मन देते है,
और दर्द मुझे, हमदर्द देते है।-
12 JAN 2019 AT 20:01
शायरौ सै ताल्लुक. करौ तबियत ठीक रहैगी
यै वौ हकिम. है जौ अल्फाजौ सै इलाज करतै है
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23 SEP 2021 AT 10:39
ये तपिश बदन की हकिम बूखार बता रहा है,
तुझसे बात करने के बाद ठीक हूँ,,
मतलब,,, हकिम गलत बता रहा है |-
24 SEP 2021 AT 7:09
और ज़ख़्म भर जाते हैं जैसे,
कहा हकिम ने ..
मगर ये ऐसा नहीं होता,,
ये दिल-ए-आशिक़ का ज़ख़्म
होता है खास,
ये कभी अच्छा नहीं होता,,-