"बार बार गलती करके हम सीखते हैं।"
"क्या?"
"बार बार गलती करना।"-
अब तक सीख रहा हूँ मैं
जो सीख जाना था मुझे
हर वक़्त नए सबक हैं
मेरे सामने आते जाते
किताबों में नही है वो
जो दुनियावाले सिखाते
आपने जो पढ़ाया था
वो कहाँ काम आता है
जब फिसल जाता हूँ
बस वहाँ काम आता है
#teachersday-
दुखो के बाजार में हमारा बचपन गुज़रा है
ज़िन्दगी के हर दर्द को बहुत करीब से महसूस किया है
ज़िन्दगी के हर उस मंज़र से निकल चुकी हूं
जहाँ से पार होना नामुमकिन सा था....
आंसू पोंछने वाला कोई न था
खुद ही रो कर चुप कर जाया करती थी....
मगर ज़िन्दगी ने हर चुनौती को स्वीकार करना सिखाया....
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ए वक्त,
तू इतना सिखाता है ऐसा पता होता,
तो तेरे ही स्कूल में दाखिला लिया होता ना।-
हर चुनौती स्वीकार है मुझे।
चाहे वो प्यार को लेकर हो।
चाहे वो ज़िन्दगी को लेकर हो।
मुँह मोड़ कर ना भागना सीखा है
हर मुश्किल से लड़ना सीखा है
वक़्त ने इस कदर तजुर्बा दिया है
पड़ जाए अगर लड़ना तो मैदान-ए
-जंग में भी जीतना सीखा है।-
जिंदगी का काम है ठोकर मारना, उसने मार दी,
बिखरना है या निखरना है, ये तुम पर है,
हवा को आता है हुनर, जलाने का भी और बुझाने का भी,
रौशन होना है तुम्हे या राख होना है, ये तुम पर है।-
हंसते चलो हंसाते चलो,
जिंदगी का गीत गाते चलो।
कुछ सीखते चलो, कुछ सिखाते चलो,
मोहब्बत का पैग़ाम फैलाते चलो।
जिंदगी तो संगीत है जब मिलते हैं,
सात सुर संग में।
जिंदगी तो कर रही है इशारे,
डूब जाओ इसके इंद्रधनुषी रंग में।
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हमें खो जाने की ख्वाहिश है
खो कर खुद को,
खुद को ही पाने की ख्वाहिश है
हमें हर पल
लापता हो जाने की ख्वाहिश है
कुछ और मिले न मिले
मिले तालीम तजुर्बों की
कोहनियां छील जाए चोटों से
कभी फूट पड़े हंसी होंठों से
कुछ और मिले न मिले
हम मिलेंगे खुद से
खुद के ऐसे कोने से
जिसके होने का मालूम न हो
हमें भी, तुम्हें भी
हमें खो जाने की ख्वाहिश है
खो कर खुद को,
खुद को ही पाने की ख्वाहिश है-
सही वक्त के चलते समझदार बन जाओ,
क्योंकी, हर वक्त समझदारी सिखाने समझदार ही
मिलेगा ये जरूरी तो नहीं।-