दिन तो पूरा गुज़रा नहीं और आप सालो की बात करते हो,
साथ देखे सपने अभी है आंखों में और आँख खोलने की बात करते हो।
आप आकर बात कह गये अधूरी और अब जाने की बात करते हो,
मंज़िल तो है अभी बहोत दूर और आप साथ छोड़ने की बात करते हो।
बिताये है दिन आपकी यादों में और आप यादों को भुलाने की बात करते हो,
हमने बयां किया दिल का अफ़साना और आप दिल बदलने की बात करते हो।
प्यार तो रहेगा दोनों के दिल में फिर आप क्यूँ उसे झुठलाने की बात करते हो,
अगर हो प्यार दिल में तो कह भी दो क्यूँ उसे दफ़नाने की बात करते हो।-
सालो से बंद पड़ा वो मकान,
जिसमे अब कोई रहता नही
इक लकड़ी का सहारा लिये,
बूढ़ी औरत बन्द किवाड़ को,
लकड़ी से जरा धका देती है
कई जालों को इधर उधर कर,
पुरानी चीज़ो की धूल दूर करती है
फिर अचानक इक नजर,
सामने की ताक पर पड़ती है
जहा पड़े है कुछ फटे पुराने कपड़े
और उसके नीचे दबी इक घटहरी,
जिसमे चंद सिक्के मिलते है
जो अब बाजार में वह चलते नही
बूढ़ी औरत निकल पड़ती है
ढूंढने कोई पुराना मन्दिर,
शायद वो सिक्के वहा चल जाए..!!
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एक ही दिन में पढ़ लोगे क्या मुझे,,
मैंने खुद को लिखने में कई साल लगाए है!-
बातें बनाने से कुछ नहीं होगा
बहादुरी जताने से कुछ नहीं होगा
देश को सुधारना है तो पकड़
कर काट दो 'सालो' को
ये मोमबत्ती जलाने से और
पोस्ट लिखकर डालने से
कुछ नहीं होगा।
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क्या एक ही पल में मुझे पूरा पढ़ लोगे, मैंने तो सालो लगाएं हैं खुद को लिखने में।।
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सालो साल गुजर जाते है,
किसी की अच्छाई सच्चाई,
को समझ ने में,
कोई अपना बन के बी पराया होजाता है,
कोई पराया अपना बन जाता है,
प्यार के रिश्ते पल में बदल जाते है,,,-
तेरी मेरी दोस्ती कमाल है..!!
पर इतने सालो से हम साथ कैसे है,,,,
कुछ जलने वालो के मुंह पर यही सवाल है..!!-
गुजर रहे थे गलियो से
इत्तफाकन मुलाकात हो गयी
थे वो दोस्त पुराने
जिनसे अचानक मुलाकात हो गयी
कभी पढ़ते थे साथ हम
करते एकदुजेकी खिचाई
सालो बाद मिले वही दोस्त
जिनसे इत्तफाकन मुलाकात हो गयी
याद करके बिते लम्हो को
आँखो से बरसाते हुयी
याद आया फिर वही स्कूल पुराना
जहाँ दोस्ती की शुरुआत हुयी थी
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