क्यों ना चल पड़े उस सफर पर,
जिसको था कभी सपनों में सोचा।
क्यों ना जी लें उस जिंदगी को,
जिसका अरमां था कभी मनमे बसाया।-
कुछ सपनों के टूट जाने से..
जीवन नही मरा करता!
कुछ अपनों के छूट जाने से..
जिंदगी का सफ़र नही रुका करता!
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कितने सितम ढाते हो साहब, सपनों मैं आकर नींद उड़ा कर फिर चले जाते हो आप, हमारी सुनते कहां हो जनाब, रुक जाया करो कुछ और पल हमारे साथ क्यों वक्त जाया करवाते हो आप कम से कम एक पूरी रात तो बिताया करो हमारे साथ।
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हमारे ख्यालों में, वो अपने नींदों से, लड़ जाते है।
और हम, उन्हें, सपनों में, देखने के चक्कर में,
जल्दी सो जाते है।। 😋😄😆-
सितारों से भी
आगे का
जहां घूमकर
आई हूं....
आज मैं
अपने
सपनों का
गुलिस्तां
घूमकर
आयी हूं !!-
अपने आने वाले कल को पहचान लीजिए,
ज़िन्दगी को मना लीजिए,
अपने सपनों को सजा लीजिए।।-
वो तुम्हें वहाँ मारता है
जहाँ तुम्हें आज तक किसी ने नहीं मारा
वो तुम्हें वहाँ से तोड़ देता है
जहाँ से तुम आज तक नहीं टूटे थे
वो तुम्हारे सपनों को कुचल देता है
और तुम्हारे वजूद को खा जाता है
वो...
वो 'इश्क़' है
- साकेत गर्ग 'सागा'-