अब न कोई रंग चढ़ता है
और न कोई रंग उतरता है
साथ नहीं तुम मेरे पर
पल पल तुम संग गुजरता है-
तेरे बगैर जो गुजरेगी उसे उम्र में शामिल न करना
मेरी उम्र तो बस उतनी है जो तेरे संग गुज़रे....!!-
Hum pyaar ke maare, Dil lagaye baithe rahe...
Wo Sangdil se, Dimaag chala aage chal diye...!-
तेरे संग जिंदगी कुछ इस तरह गुलिस्ताँ हो गई ,
मानो जिंदगी की हर कमी मेरी दूर हो गई ।
तुझ बिन तो जीवन में मेरे छाया अंधेरा काला है,
तू ही तो मेरी जिंदगी को पूर्ण करने वाला है।
रात का अंधेरा भी मुझे प्रकाश लगने लगा ,
सपना मेरा तुझ संग ही तो सजने लगा ।
इस जिंदगी में जिसको प्यार सच्चा मिल गया ,
उसकी जिंदगी का हर पल खुशनुमा हो गया।।-
अपना नाम, मेरे हाथों की लकीरों में रंग साथिया,
मेरे दिल से मिला, धड़कन की हर तरंग साथिया।
ये जो बार-बार मेरे इश्क़ पर सवाल करती हो तुम,
पहले इश्क़ से दो पल, ठहर तो मेरे संग साथिया।-
कोई रंग लगाकर चली गयी
कोई अंग लगाकर चली गयी
कोई अपने संग में भिगो गयी
कोई संग जलाकर चली गयी-
हो दोस्त जो संग,
मन उड़ता है जैसे हो आवारा पतंग,
जिसमे हो खुशियों का रंग,
है दुआ ऐ खुदा ना हो ये बदरंग,
बस बनाए रखना हमारा ये संग ।
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क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मेरा चेहरा है
संग कट जाते हैं बारिश की जहाँ धार गिरे-
कुछ लम्हे बिताएं हैं मैंने तेरे संग
कैसे कह दूं खुद को कि बदनसीब हूं मैं-
अगर रहना चाहते हो अपनों के संग
तो रह न सकोगे तुम सपनों के संग-