आइए आज पढ़ते हैं जब पूर्व राष्ट्रपति और लेखक शंकर दयाल शर्मा ओमान की यात्रा पर गए, तो क्या विशेष हुआ?
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हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह, निराला को अपना काव्य गुरु मानते थे।
आज शिक्षक दिवस के दिन उनकी निराला को समर्पित "निराला के प्रति" कविता प्रस्तुत है।
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माँ से बड़ा कोई गुरु नहीं देखा मैंने
जिनसे मैंने कुछ भी सीखा है,
उन जैसा गुरु नहीं देखा मैंने |
अच्छी हो या बुरी सीख तो कोई भी दे जाता है
लेकिन जो अपना समझकर सिखाये,
ऐसा कोई नहीं देखा गुरु के आलावा मैंने |
मेरी लफ्जों में इतनी ताकत नहीं मैं गुरु को लिख पाऊं|
जो भी सिखाया है मुझे गुरु ने,
उसके लिए दिल से शुक्रिया किया है मैंने..... 🙏🙏-
जब कभी हम रास्ते में गिरे,
आपने आकर गिरने से हमें संभाल लिया ||
खुद ऊँचाई पर ना पहुँचकर,
हमें ऊँचाइयों पर पहुँचाने का हमेशा प्रयास किया ||
हर एक गलती पर आपने हमें डाँटा,
तो कभी उसी डाँटने पर दुलार भी किया ||
भगवान का लाख-लाख शुक्र,
रहे जो उसने गुरु के रूप में हमें यह वरदान दिया ||
🙏🙏-
उज्ज्वला ने देश का उज्ज्वल किया भविष्य
गाँव गाँव शहर शहर दिखेगा अब यही दृश्य
मोदी जी ने है दिया सबको यही सुझाव
चाय बनायेंगे गुरु सभी, पकौड़े तलेंगे शिष्य-
गुरु शिष्य दोऊ खड़े, आपस में बतियाय
एक बीड़ी फूँक रहा, दूजा सुड़पे चाय-
गीता: अध्याय 2
क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैततत्त्वय्युपपद्यते ।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप ॥३॥
हे पार्थ ! नपुसंकता को मत प्राप्त हो, तुझमें यह उत्पन्न मत होने दे ! हे परंतप ! हृदयकी तुच्छ दुर्बलता को त्यागकर खड़ा हो जा । ३
( गुरु पूर्णिमा के अवसर पर
आज के परिप्रेक्ष्य में एक चिंतन:
अनुशीर्षक में पढ़ें)-
Two lines for teachers.....
गुरु के सम्बोधन के लिए दिल में शब्द ही शब्द भरे है।
लेकिन गुरु के दिल के दुखों को व्यक्त करना मेरे शब्दों के भी परे है।।
Happy Guru Purnima.🙏🙏-