आइए आज पढ़ते हैं जब पूर्व राष्ट्रपति और लेखक शंकर दयाल शर्मा ओमान की यात्रा पर गए, तो क्या विशेष हुआ?
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विषय: दिशा गुरूमुळे..!
आई आद्य गुरू।हाती पाटी खडू।
दिले बाळकडू।माझ्या जीवा॥१॥
कुंभार मडका।आकार देऊन।
संस्कार लावून।शिष्य घडे॥२॥
चरणाचे स्पर्श।होता जीवनाला।
दिशा प्रवासाला।विद्यार्थ्यांच्या॥३॥
फक्त काया नव्हे।सम्यक विचार।
समृध्द आचार।गुरू असे॥४॥
गुरूविना किर्ती।आहे असा ज्ञानी?।
पाहे विद्या वाणी।जगामध्ये॥५॥
गुरू मार्गे सदा।सत्य शोध असे।
द्वेष,गर्व नसे।त्यांच्या कार्या॥६॥
शब्द अमृताच्या।प्रसादाला घ्यावे।
आत्मतृप्त व्हावे।ज्ञाना वाटे॥७॥
अन्याय विरूद्ध।लढ विरांगना।
ज्ञान 'स्व'रक्षणा।गुरू मुळे॥८॥
संगीताला पुज्य।ग्रंथगुरू आहे।
स्वप्न पूर्ती पाहे।आयुष्यात॥९॥
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कु.संगीता सुरजलाल हत्तीमारे
(विजया)जि.गोंदिया.-
किन शब्दो में महिमा गाऊँ, कैसे करू गुणगान,
किताबो का ही नहीं, दिया आपने दुनिया का मुझे ज्ञान ।
धन्य समझु जो आरूणि बन, आ सकूँ आपके काम,
थी मैं गीली माटी, मूर्त रूप देने वाले को कोटी-कोटी प्रणाम ।।-
मैं एक शिक्षक हूँ।
मैं एक शिक्षक हूँ, ज्ञानमय लौ से तुम्हें जगाने आया हूँ।
तमस मिटे जीवन से, शिक्षा का मुल्य बताने आया हूँ।।
मैं एक शिक्षक हूँ.....
शिक्षा मिले सब बच्चों को, संकल्प हमारा हो ऐसा,
श्रेष्ठ कार्य, है शिक्षण, नहीं ओर कोई इसके जैसा।
शिक्षा से वंचित बच्चों को, विद्यालय की राह दिखाने आया हूँ।
मैं एक शिक्षक हूँ.....
इस क्षेत्र में जो भी आए, पद की गरिमा कभी ना भूलाएं,
सम्मान नहीं कोई इसके जैसा, गुरू की महिमा हरि भी गाएं।
तपकर सोना बने है कुन्दन, शिक्षा की हर दिल में आग लगाने आया हूँ।
मैं एक शिक्षक हूँ.....
भूल हुई जो कुछ लोगों से, दाग लगा है हर तन पर,
अपने पैर यहाँ ना रखे, दांव लगा हो जब धन पर।
धन-प्राप्ति गौण यहाँ पर, धन से ज्ञान को बचाने आया हूँ।
मैं एक शिक्षक हूँ.....
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"एक ऐसी शख्सियत जो अपने अनुसरण करने वाले को हमेशा अपने से उच्च बुलंदी पर देखना पसंद करता है,एक ऐसा शख्स जो राष्ट्र के भविष्य..... बालक रूपी कच्ची दीवार को अपने अनुशासन के सिमेंट से, मजबूत इरादों के कंक्रीट से, स्वाभिमान व हौंसले की खुरपी से तथा ज्ञान रूपी पानी से पक्का कर राष्ट्र को समर्पित करता है...राष्ट्र के सपनो को हकीकत में बदलने का काम शिक्षक ही करता है।"
✍️Tr अरूण लाल "अरूण"
मेरे सभी गुरूजनो व शिक्षक साथियों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।💐
#सोच_मेरी_समझ_आपकी-
सात्विक आहार व्यवहार और विचारों का सहीं तालमेल कर जीवन जीने वाला मनुष्य हीं अपने जीवन में और दूसरों के भविष्य के लिए सहीं शिक्षक या गुरु हों सकता है! जो भौतिकात्मिक सात्विक शिक्षा दें समाज और राष्ट्र को सत् सर्वोच्च मार्ग की राह दिखा सकता है! भविष्य के भविष्यों को आज के वर्तमान समय में वर्तमानों को सात्विकता की आवश्यकता है।
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शिक्षक 👩🏫और वक़्त⏳ में
बस थोड़ा-सा फर्क होता है,
शिक्षक सीखा कर
इम्तिहान लेता है
और वक़्त इम्तिहान
लेकर सीखता है....!!!!
Happy Teachers Day!!✍️📝
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किस-किस को दूँ मैं, शिक्षक दिवस की बधाई।
हर एक शख्स ने है, मुझे कुछ न कुछ पाठ पढ़ाई।।
कोई पास रहकर, तो किसी की जुदाई ने है सिखाई।
सबने अपनी-अपनी तरह से, जिंदगी जीना मुझे बतलाई।।
किसी और कि,मैं क्या बात करूँ,ध्यान से जो देखा तो
खुद को ही दे दी, मैंने शिक्षक दिवस की खूब बधाई।।-
शिक्षक एक शब्द नहीं मेरी दुनिया के सृजनकर्ता (रचनाकार) है, मेरे लिए जिनकी शिक्षा मेरी दुनिया सृजित करती है!
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