जो लब्ज़ दे दिया करते हैं हम दिल के एहसासों को
आज उसे किसी ने शायरी का नाम दे दिया
हम लिखते हैं बस एक शौक है लिखने का हमको
आज उसे किसी ने आशिक़ी का नाम दे दिया-
बंद गलियों में यूं ही बदनाम हो गए,
तेरी नजरो में गुनाहगार हो गए,
इश्क का खुमार कुछ इस कदर था,
कि हम तुझ पर ही कुर्बान हो गए!
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शायराना दिल अब सड़क बना रहा है,मंज़िल मुसाफ़िर को मिलेगी मुकम्मल शायरी होगी।
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अजीब उसूल हैं दिल के भी,
" खूबियाँ भी नहीं भाती किसी की कभी
तो कभी, किसी की खामियों पे दिल आ जाता है "-
मुझे मेरी कलम का.... मेहनताना चाहिए...
मुझे एक महबूब....शायराना चाहिए...!!-
महफील भले ही प्यार
करने वालों की हो,
उसमे रौनक तो दिल टुटा
हुआ शायर ही लाता हैं..!-
ये दिल शायराना है
तेरी याद में बेगाना है
तुझे देखते ही जिंदगी में
शायरी कि बहार आयी है।
कैसे कहे और क्या कहे पता नहीं
तुम्हे बातें समझाकर कहना है
मुश्किल सा लगता है।
पर ये शायराना अंदाज ही
तुमसे सारी बातें बोल देता है।
पर तुम्हारे लिए ये दिल आज भी शायराना है।-
ये शायराना दिल आज बेहिसाब आवाज़ करता हैं।
उनके हुस्न को देखकर ये मोहब्बत नया आगाज़ करता है।।-
प्यार की गुलामी से अच्छा मेरी ये शायरी है
घाव दिखते नहीं कभी भाव बढ़कर मिलेंगे
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