अनकहे लफ्ज़ों में
सिमटी हुई हैं
दिल की धड़कनें,
हम कह न पाए
तुम सुन-समझ न पाए।।
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पंछियों को आज आज़ाद करना है
साथ उनके खुद को आज़ाद रखना है
चार दिवारी में बहुत घुट-घुट के रह चुकी
अब बचे हुए पलों में खुद को आज़ाद देखना है।-
है उम्मीद बच्चे कुछ नया सीख लें,
हमारा फ़र्ज़ है कुछ नया सिखा दें।
अपनी रक्षा के लिए आत्मरक्षा जरूरी है,
ये सिखाना हमारे लिए सबसे जरूरी है।
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नाज़ुक शरीर
भी कमाल का
हो जाता है,
जब शरीर में खेल
और खेल में शरीर
उतर जाता है।-
कांधे पर जब तेरे झुमके टकराते हैं
वाह! वाह! क्या ग़ज़ब ढाते हैं
पूछते होंगे वो चलती हवाओं से भी
वाह! री हवा ये तेरे से भी शरमाते हैं।-
तन्हा सा हो गया है, मेरा कमरा आजकल.....
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एक पंखा बोला करता था, पर अब सर्दियाँ आ गई है...
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जर आपण त्या व्यक्तीचा शोध घेत असाल
जे आपले जीवन बदलू शकेल, तर स्वतःचे प्रतिबिंब आरशात पहा.
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कभी ख़ुद को सँवार लिया करो किसी की
निगाहों में,
ज़रूरी तो नहीं आइना मयस्सर ही हो हर कहीं-
बहुत बेसब्र थी सजनी मेरी ...इश्क में मेरे लिए,
पहली ही मुलाकात में,मुझसे मुझे छीन लिया!
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