मेरी कहानी मावनी
कभी-कभी मुझे लगता है कि मैंने अपने जिंदगी में बहुत सारी गलतियाँ की है और बार-बार की है, जिसकी वजह से मैं हमेशा निराश और दुखी होता हूँ जैसे कि विश्वास टूटने के बाद भी लोगों पे बहुत जल्दी फिर से भरोसा कर लेना, उन्हें अच्छा समझ लेना, उन्हें अपना मान लेना, छल होने के बाद भी रिश्ते को दिल से निभाना, ignore होने के बाद भी सामने वाले को importance देना, बेकद्र होने के बाद भी सामने वाले को कद्र करना, ठुकराए जाने के बाद भी बार बार जुड़े रहने की मिन्नतें करना, तकलीफ मिलने के बाद भी सामने वाले को खुशियाँ देना, साथ ना मिलने के बाद भी लोगों का हमेशा साथ देना, और सबकुछ जानते हुए भी कुछ ना कहना सहते रहना चुप रहना, शायद यही
मेरी सबसे बड़ी गलतियाँ है..!-
ये तो बताओ 🤔
खुद को कौन बुरा कहता है भला😌
I m not a writer... read more
मुझे लगता है कि मुझे तुम्हें जाने देना चाहिए।
और ऐसा करना असंभव लगता है क्योंकि मेरा एक हिस्सा हमेशा तुम्हारे साथ जीवन भर प्यार में रहेगा।
लेकिन मैं अब और ऐसा नहीं कर सकता।
दिवास्वप्न, प्रतीक्षा, उम्मीद।
यह मुझे तोड़ रहा है। तो यह मैं अलविदा कह रहा हूँ और आखिरकार आगे बढ़ रहा हूँ।
यह मैं तुम्हें जाने दे रहा हूँ।
मुझे बस तुम्हें बताना था।🌻🖤
.
.
💔💔🖤💔💔💔-
तुम्हारा साथ होना मुझे यह एहसास देता है
कि मैं महफूज़ हूँ इस बड़ी दुनिया में
तुम्हारे साथ तय किए जा रहे ये रास्ते
मेरे देखे हुए सबसे सुंदर दृश्य हैं
मैं नहीं जानता हूँ कि प्रेम क्या है
बस ये पता है कि तुम्हारे बिना जीवन नहीं होगा
तुम्हे देखते हुए मैं सोचता हूँ ईश्वर को
मैं सोचता हूँ ईश्वर की पहली रचना
और सोचता हूँ एक नयी दुनिया
तुम्हारा साथ होना मुझे यह एहसास देता है
कि यदि कोई साथ हो तो
सब कुछ पाया जा सकता है
प्रेम का नहीं पता पर... साथ
निभाया जा सकता है ❤️
'सोच'-
कुछ लड़कियां गंगा सी होती हैं..
जिनमें डूबकर.. मुक्त हो जाते हैं उनके प्रिय पुरुष..
मैं कुंभ की कार्मिक भूमि हूँ,
तुम गंगा की अविरल धार प्रिये..!! ❣️-
मैं यह तुमसे मिलकर सुलझाना चाहता हूँ।
मैं नहीं चाहता कि तुम मुझे किसी और ब्रह्मांड में मिलो, किसी समानांतर गैलेक्सी में, परलोक में, या किसी और समय में।
मैं नहीं चाहता कि तुम मेरा वो क्या होता, मेरा सबसे बड़ा प्यार जो खो गया, या सही वक्त न होने का अफसोस बनो।
मैं नहीं चाहता कि अपनी जिंदगी किसी और के लिए फिर से ढूंढूँ। मैं नहीं चाहता कि अपना दिल किसी और को दूं। मैं नहीं चाहता कि फिर से शुरुआत करूँ, किसी और की आत्मा को फिर से जानूँ, और फिर से सब कुछ दिल से दूं।
मैं यह तुमसे मिलकर सुलझाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मेरी कविताएँ तुम्हारी पूरी शख्सियत के बारे में हों। मैं चाहता हूँ कि मेरा भविष्य हमारे साथ भरा हो। मैं चाहता हूँ कि मेरे साल तुम्हारे हों।
मैं चाहता हूँ कि हम झगड़े करें, फिर मिलें, और तुमसे पास रहें। मैं चाहता हूँ कि हम चुप्पियों को साझा करें, किराने की खरीदारी करें, और एक घर बनाएं। मैं चाहता हूँ कि हम सितारों को निहारें, सपनों को हासिल करें, और अपनी जीतें एक साथ मनाएं।
स्वर्ग और समानांतर ब्रह्मांड का कोई वादा नहीं है। मेरे पास सिर्फ यही एक मौका है। और मेरे प्यार, मैं चाहता हूँ कि हम इस जीवन में एक साथ हों।-
पुरुष अचानक नहीं टूटता!
वो दरकता हैं,
अनदेखी पर!
वो दरकता हैं,
अपमानित किए जाने पर!
वो दरकता हैं,
पीड़ा के समय प्रेम के अभाव में!
वास्तव में,
पुरुष अचानक नहीं टूटता!
बल्कि वे धीरे धीरे दरकते रहता हैं,
उस पर पड़ती अनगिनत चोटों से!
और ऐसी ही किसी एक चोट से,
वो दरार खाया पुरुष,
बिखर जाता हैं काँच के समान!
जिन्हें पुनः जोड़ने पर भी,
कुछ निशान ताउम्र रह जाते हैं,..….-
सच कहता हूँ बिल्कुल दिल से, कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा। जीवन में नकारात्मक इतना रहा हूँ कि अब सब कुछ नकारात्मक हो चुका है। यहाँ तक कि खाना खाने तक का होश नहीं। पढ़ाई तक नहीं कर पा रहा। सब कुछ आहिस्ते-आहिस्ते छूट रहा है। मैं खुद से ही खुद को अपने ही मरे हुए विचारों से मार रहा हूँ। मुझे नहीं पता मैं कहाँ जा रहा हूँ पर एक अजीब सी परिमित है मन मे जहाँ पर सालों से हूं और इस चक्र से नहीं निकल रहा। आखिरी बार मै कब खुद से मिला, कब खुद से बात की याद नहीं। अभी भी लगता है सब कुछ अजीब सा। मन भगाये जा रहा और मैं भाग रहा हूँ। मन भगा कर अलग अलग जगह पर ले जाता है, एक अलग दायरों में ले जाता है जो किसी काम का नहीं। एक जाल में ही सिमट चुका हूं। बेसहारा सा लगता है। मैं मिट रहा हूँ। एक दिन मिट जाऊँगा।
-
मेरे जन्म के बाद तकरीबन 22 न्यू ईयर आये होंगे, मैने साल के आखरी दिन हमेशा कुछ ना कुछ बदलाव करने की कोशिश की नए साल के लिए,पर वो बदलाव भी कुछ दिनों तक ही हो पाता, इसलिए मैंने अपने दिलो दिमाग मे यह बात बिठा ली है कि साल बदलने से हमारा भाग्य नही बदलने वाला इसलिए मैं कल भी उसी दिनचर्या पर चलूँगा सुबह उठते ही चाय के साथ एक सिगरेट पीना और टॉयलेट में जाने से पहले एक रजनीगंधा तुलसी ओर शाम को एक हाफ रॉयल स्टैग बस यही जिंदगी है चाहे कितने ही साल आये या चले जायें...!
-
हकीकत समझो!
जिंदगी में कभी कोई अपना मिले, और वो सच में अपना लगे तो उससे पूछना कि वो कब तक साथ रहेगा। अगर तुम इस बात को गहराई से सोचोगे तो समझोगे कि जिंदगी का सच यही है।
जो अभी तुम्हारे साथ है, और दिल को लगता है की वो साथ है, मगर सच कुछ और है। तुम सुरु से ही अकेले हो, तुम्हारे साथ कोई नहीं, जो है वो बस कुछ पल के लिए है। तुम उसे स्वीकार करने की हिम्मत रखो! वो हकीकत है!
-
मैं हमेशा उस तथाकथित अंत से बचता रहा हूँ, बाद जिसके मौत भी अपने आप में बदनामी का सबब बन जाती है, ठीक-ठीक अब समझ पाया हूँ कि ये जो कुछ भी जद्दोजहद है, ये जिंदगी के लिए तो कतई नहीं है.. हम तो बस एक महान मृत्यु की तलाश में है...!
-