अयोध्या के राम सा कोई हो तो बताए,,
मथुरा जैसे राधा धाम सा कोई हो तो बताए,,
आगरा सा अजूबा तो बस जहा में एक ही है,,
वृंदावन के श्याम सा कोई हो तो बताए,,-
जैसे हो वृन्दावन का निधिवन
यूं ही प्रतीत होता मुझको
रहस्यमयी मेरा निज मन
जानती हूं रास रचाते
भीतर इसमें नित्य प्रति
श्री राधे संग देवकीनन्दन
हर वेला हर स्मरण से
महकाते मेरे आस्था भाव
के असंख्य रमणीय उपवन
फिर भी व्याकुल मन
करना चाहे प्रभु दरसन
कर अर्पण चरणारविन्दों
में सर्वस्व तन मन !! 🌹
-
उसका पता विचित्र है
जैसे वो परिहास करे..
जहाँ कहीं देखूँ उसको
कण-कण में वही वास करे..
ह्रदय-ह्रदय बसा है वो
जाने कितने नाम धरे..
हर श्वास हर धड़कन में वो
मन से जो विश्वास करे..
फिर भी जाऊँ दर्शन पाऊँ
लिए नैंनो में आस धरे..
श्याम सलोना सुन्दर वो मेरा
वृंदावन में निवास करे...-
.....
...
कुछ फूल
खिलकर
मुरझा जाते हैं
तो कुछ
प्रभु चरणों में
अर्पित होकर
परम सद्गति को
प्राप्त हो जाते हैं
......
....
जानते हो
'प्रेम को हम'
नहीं चुनते
...
अपितु
"प्रेम द्वारा हम"
चुने जाते हैं ।।
🌷🌸🏵️🌹-
उसकी खूबसूरती उसकी भक्ति में दिख जाती है,,
चंदन लगा माथे पर मुख पर राधे नाम वो गाती है,,
देवी कह सकते हो तुम उसको , पवित्रता जिसका साथी है,,
ऐसी लड़कियां ही तो घर को स्वर्ग सा पवित्र बना जाती हैं,,-
ये जीवन की प्यास है हमारे लिए,
ये ख्वाबों का अंतिम पड़ाव है हमारे लिए।
-
वृंदावन की तू भी प्रेम में डोलती है
सुन कर मुरली की तान, तू भी राधे-कृष्णा बोलती है-