ढूंढू तुमको कैसे मोहन ,कहॉ -कहॉ से किधर - किधर से,
जैसे हमको सूरज दीखे ,देखूँ तुमको उधर -उधर से।
ढूंढू तुमको वृन्दावन में ,
या यमुना के वंशी वट में,
छू लो तुम अब एेसे मुझको ,
जैसे वंशी अधर -अधर से।
ढूंढू तुमको कैसे मोहन..-
10 JAN 2020 AT 16:56
10 JAN 2022 AT 20:33
हिंदी भाषा ने ही हिंदुस्तान के सारे राज्यों को,
साथ में एक माला में मोतियों की तरह पिरो रखा है।
और सारे देशवासियों के मन में एकता की भावना,
को जगा कर सबको एक साथ जोड़ कर रखा है।
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11 JAN 2022 AT 12:30
हमारे संस्कार
हमारी भाषा
हमारी संस्कृति
यही तो है हमारी
हिंदी का प्रतीक💐..-
10 JAN 2022 AT 16:11
हिंदी सरल है सुगम है,
सहज है, प्रिय है
अपनेपन की पहचान है।
हिंदी में सुकून है भाव है
देवों की वाणी है
इसी से तो मिलता हमें ज्ञान है
हिंदी संस्कृत की बेटी है
जिस से यहाँ लिखे गये
गीता, वेद, पुराण हैं
हिंदी के शब्दों में वो ताक़त है
वो जादू है वो असर है
जो पत्थर में भी डालते प्राण है
हिंदी बिना अधूरे हैं हम
अगर हिंदी नही है
तो कैसा हिंदुस्तान है।
विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनायें-
10 JAN 2022 AT 18:56
हिन्दी हमारा मान
हैं सम्मान हैं,,
ये महज भाषा नहीं हम
हिन्दुस्तानी की पहचान हैं!!-