Priyanka Kanwliya   (© प्रियंका_कांवलिया)
1.6k Followers · 71 Following

read more
Joined 20 November 2018


read more
Joined 20 November 2018
29 MAY AT 17:41

ना वो संवाद रहे ना वो अरज़ रही,
ना रही शिकायतें ना ही ग़रज़ रही
ना बारिशों से भय, न बसंत का चाव
ना धैर्य की हीनता, न मुख पर ताव
पर एक घुलती प्रतीक्षा भीतर ही रही,
ना किसी ने सुनी ना कभी मैंने कही,
प्रेम,आदर, मनोहार, मैं चुनती रही
यथार्थ से परे हो एक स्वप्न बुनती रही
बिटिया बाबा की, मां की चिरैया म्हें,
चलती रही निश्चल भावना संग देह,
मैंने सुनी दूर तक पदचिन्हों की थाप,
होते रहे गुंजित जिनसे हृदय के जाप,
पूछता है तुम्हारा दिया स्वत्व मुझसे!

अब कौन हो गए हो तुम,
मेरे मौन हो गए हो तुम,
मेरे मौन हो गए हो तुम।

-


15 MAY AT 17:40

























-


11 MAY AT 8:45




























.



...

-


8 FEB AT 18:00














.


-


7 JAN AT 9:59

.





























-


23 DEC 2024 AT 7:10

यूं ना जाओ छोड़ कर...
कि दिल अभी भरा नहीं...








-


18 NOV 2024 AT 11:51
























....

-


10 SEP 2024 AT 16:54

मैं हांसती थारे आँगने में,
बोल-बतळ करती,
कदी पोन्वती रोटियां,
कदी ख़ाला घङिया भरती,
कदी सूरज टांगती,
कदी चांद उतार लांवन्ती,
थे नेङै रेन्वता मेरे हूं बात करता,
कदी दिनगै पेळी, तो कदी रात करता..
टमरकूं टू आळी कविता,
राजा–राणी आळी कहाणी हौन्ती,
जै थै मेरा हौन्ता,अर

मैं थारै घर गी धिराणी हौन्ती,
मैं थारै घर गी धिराणी हौन्ती,

-


10 SEP 2024 AT 7:36

































-


17 AUG 2024 AT 14:41
























...

-


Fetching Priyanka Kanwliya Quotes