लाल धब्बे
पूरी कविता शीर्षक में
मैं सभी लोगो से आशीष और स्नेह का आभारी हूं कृपया पढ़कर ही अपनी समीक्षा दे।-
11 SEP 2019 AT 18:25
14 DEC 2019 AT 19:00
लहू लाल, माँ के सपूत लाल,
करता प्रतीक बलिदान लाल,
लगा तिलक सम्मान लाल,
सूर्योदय लाल, सूर्यास्त लाल,
अग्नि लाल, अग्निशमन लाल,
गुलाब लाल, गुलाल लाल,
इश्क़ लाल, क्रोध लाल,
अगनित भावनायें अपने संग लिए,
हाथों में जब-जब लाल रंग लिए!
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16 MAY 2020 AT 21:56
कयामत - पे - कयामत आई हैं,
आज ना जाने किस - किस की मौत आई हैं,
मेरी जान आज फिर लाल साड़ी पहन आई है...-
25 AUG 2018 AT 10:24
सुनो..........!
हम सफेद, वरक़ ले आएंगे,
तुम! लाल स्याही वाली, कलम ले आना।
हम, दिल का एक हिस्सा बनाएंगे और.......,
अधूरा हिस्सा, तुम बना देना......।।-
1 MAR 2018 AT 8:53
रंग तो हमने उन पे गुलाबी हरा डाला था
मगर जनाब लाल पीले हो गये-
4 NOV 2020 AT 14:33
जब भी मैं ओढ़नी लाल चुनरी वाली ओढूं,
सामने दीदार बस तेरा हो।
झुकी रहेंगी पलकें, मन में बस नाम तेरा हो।।-
5 JAN 2018 AT 23:58
आज एक नहीं कई सूरज डूबे थे
क्षितिज ही नहीं धरती भी लाल हुई थी-