जिंदगी ज़ख्म तो लाखों देती हैं,
बस कौन सा ज़ख्म आप दिल पे लेते हों
वहीं से एक नई कहानी लिखी जाती हैं।-
मरने वाले होंगे तेरे हुस्न पर लाखों शरीफ ,
तेरी सादगी पर मरने वाला पहला शैतान हूँ ।-
लाखों दिलों को भा गये
लाखों दिलों में छा गये
हम भी तुम्हारी उंगली थामे
देखो यहाँ तक आ गये-
आज सारे देश में कोरोना है
हम भूल गए हैं बाहर की दुनिया
बस शहर में कहर सा है
लाखों लोगों की जान ले कर चैन नहीं हैं
हजारों लोग रोज भूखे पेट सो जा रहे है
घर में रखा मिनी बैक खाली हो गया
अब चिन्टू और चिन्नी आइसक्रीम खाने की जिद
नहीं करती।।।।
अब दाल में नमक कम होने पर
पापा नहीं डाटते
अब दोस्तों की याद आने पर टिना नहीं रोती ।।
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अपनापन छलके जिनकी
बातों में
सिर्फ ..... कुछ लोग ही
होते हैं लाखों में ..-
उसकी बातों में वो जादू है,
जब देखू उसका मैसेज ,
तोह उसकी ओर खींचा,
चला आता हूं
उसकी बातों मै हे लाखो बातें,
जब बात करू उससे तो,
सारा जहां भूल जाता हूं
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लाखों महफिल है,
हजारों मेले है।
मगर जहाँ हमारा दिल ने लगे ,
वहाँ हम बिल्कुल अकेले है।-
हसीनाएं तो लाखों हैं इस महफ़िल में ..
ना जाने फिर क्यों निगाहें सिर्फ उसे ढूँढ रही है..-
हजारों दुवाओ से तेरा साथ मांगा हैं
लाखो दुवाओ मे तेरी सलामती मांगते हैं
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