मेरी बेबसी कि इंतहा मत पूछो
में रो कर कह रहा था😕
वो हंस कर सुन रही थी-
चाहे वो तारे है
रो रहे वो सारे हैं
तुझ से वो क्या जीतेंगे
खुद से जो हारे है !!-
💐Part:४ अर्थी निकलते समय💐
हम रो रहे थे लिपटकर उनसे
सारा जमाना देख रहा हमे ,
मगर जाते जाते एक बार तो कहा होता
हम आज जा रहे है रोकोंगे नहीं...
आशा करा कि तिच्या आत्म्याला शांति लाभो
।।धन्यवाद।।
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जो बता दूँगा माँ को कि क्यों रो रहा हूँ तो वो भी रो देगी
बस यही सोचकर अकेले में चुप-चाप रोये जा रहा हूँ मैं
इतना आसान कहाँ होता है माँ से अपने आँसू छुपा पाना
- साकेत गर्ग 'सागा'-
मैंने आईने से कर ली दोस्ती उसी का हो लेता हूँ
जब दिल करे हँस लेता हूँ जब दिल करे रो लेता हूँ-
भरी सर्दी में बारिश ने भिगो दिया,
माँ की आँख में आंसू दिखा,
'मैं भी रो दिया'
- साकेत गर्ग 'सागा'-
एक अरसे से ख़ुद से नहीं मिला हूँ मैं
ख़ुद को याद कर ख़ुद ही रो रहा हूँ मैं
कभी था मैं ख़ुद ही ख़ुद को बहुत पसन्द
अब ख़ुद ही ख़ुद से नफ़रत कर रहा हूँ मैं
- साकेत गर्ग 'सागा'-
तेरी जुदाई का जश्न मना रहा हूँ
आँसुओं के जाम बना रहा हूँ
बस तेरी ही बात हो रही है
साथ मेरे ये रात रो रही है-
जब-जब तुझे याद कर रहा मैं
तब-तब ये बारिश पता
नहीं क्यों आज हो
रही है ।।
अरे ये इत्तेफ़ाक़ तो नहीं लगता
प्रिये बारिश का ऐसा
बार-बार
होना...
ऐसा तो नहीं कि तुझे मोहब्बत
हो मुझसे और तू मुझे
याद कर रो
रही है ।।-