गर, हम रूठ जाए, तुम हमें मना लेना,
तेरे रूठने पर, हम तुम्हें, मना लेंगे।
क्योंकि........!
ये रिश्ते, रेशम की, डोर से होते हैं,
कहीं तीसरा इसमें, गाँठ, न लगा जाए ।।-
मुझे ना सताओ इतना कि
मैं रुठ जाऊं तुमसे
मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी साँसों से जुदा होना-
इक उम्मीद थी उन्हें पाने की
और हम ही वज़ह बन गए
उनके रुठ जाने की..........।-
दिल में कुछ-कुछ होता है यार
बात मान तू ऐसे न
मुझसे यूँ नज़रे
मिलाया
कर ।।
माना तेरा नखरा करना पसंद है
मुझको पर बेवजह तू
यार ऐसे न मुझसे
रूठ जाया
कर ।।
अरे तेरी खुशी तेरी मुस्कान
की खातिर तो जान
भी लुटा
दूँ मैं...
बस गुज़ारिश है तुझसे कि उम्र
भर तू मुझको ऐसे हीं
प्यार से बुलाया
कर ।।-
गर कभी रूठ जाऊं तो
मेरी खामोशी को पहचान लोगे तुम
मेरे दर्दे दिल का हाल जान लोगे तुम
बिना सवाल किए गले लगा लोगे तुम
यही भरोसा जिंदा रहने के लिए काफी है
कभी बात ना करूँ तो...-
यूं न रुठ कर जाया करो बार बार
अगर मैं रुठ गया........
तो मेरी एक झलक को तरस जाओगी।-
दिल में बसी यादें रखो या मिटा दो,
लेकिन एक बात हम भी बता दें,
प्यार बराबरी का नहीं करते हम।-
मत पूछ निभाया किसने है, वो रुठ जाएगा।
जो कुछ बचा हुआ रिश्ता है, वो भी टूट जाएगा।-
रूठी सी पलकों को सुरमे ने यूँ छेड़ दिया,
कि नज़रों ने भी हँस के अपना रंग बिखेर दिया।-