Seasonal Poet🦜 24 JUL 2019 AT 17:21 जैसे हो वृन्दावन का निधिवनयूं ही प्रतीत होता मुझकोरहस्यमयी मेरा निज मनजानती हूं रास रचातेभीतर इसमें नित्य प्रति श्री राधे संग देवकीनन्दनहर वेला हर स्मरण सेमहकाते मेरे आस्था भाव के असंख्य रमणीय उपवनफिर भी व्याकुल मन करना चाहे प्रभु दरसनकर अर्पण चरणारविन्दोंमें सर्वस्व तन मन !! 🌹 - नया👇अकाउंटफोलो 25 MAY 2020 AT 18:05 ☹️बातें करते-करते उसका यूं चले जाना ,"सुशी" मुझे कभी भी रास नहीं आता । - Saloni 16 SEP 2020 AT 13:33 उसे तलब थी जिस्मों से खेलने की !भला हमारी मोहब्बत कैसे रास आती उसे !! - नया👇अकाउंटफोलो 14 JUN 2020 AT 15:56 महफिल से यूं जाना तुम्हारा हम को रास नहीं आया ,तुम्हारी देह नजर आई और तुम्हारा सांस नहीं आया। - दीप शिखा 9 APR 2019 AT 8:43 रास नहीं आता उनका बेइंतहा इश्क़ और खुमार,अक्सर फूल लपेटकर जिन्हें कांटे चुभोते देखा हो! - Megha Bisht Karakoti(पहाड़ी) 18 SEP 2020 AT 1:14 सबसे झगड़कर मेने तुझे अपना बनाया था,अफसोस मेंने तो झगड़कर तुझे पाया था तुझे कहा रास आता तुझे तो सब बैठे बैठे मिला हाथ मे ।। - श्यामा🌹🌸 31 OCT 2020 AT 6:38 ।। शरद पूर्णिमा की शोभा ।। (Read in caption 👇) - Monika Raj 12 MAR 2019 AT 9:38 तलफ़्फज़ मेरे नाम का तुम अक्सर गलत कर जाते हो, अब रास हमें उसी में जिस नाम से तुम कहके हमें बुलाते हो.......! - Gourav Kashyap 26 JUN 2020 AT 22:47 तुम हो बहुत ही खास,फिर रहो दूर या पास,लेकिन,कुछ भी नहीं आता हमें रास,अगर तुम नहीं होते हो पास। - Anmol Cheema 11 NOV 2017 AT 20:36 हाथों की लकीरों ने ऐसा रास रचाया था बिन नियति के भी इन्होंने हमें तुमसे मिलवाया था !! -