आओ करो राजस्थान रो भ्रमण,
दाल बाटी चूरमा अटा रू जिमण।
कुछ छंद पंक्तियों से राजस्थान री खुबसूरती दिखाऊ,
जयपुर से जोधाणा, आपने अनुशिर्षक में पढ़ाऊं।।
(अनुशिर्षक में पढ़ें 🙏😊😊🙏)-
उग्तो सूरज म्हारे आंगन,
सूरज चमकतो म्हारे रेगिस्तान।
हर कण में समाई वीरता,
पूरे हिन्दुस्तान में छाई यहां की वीरता।
राणा सांगा री भूमि, मीरा रा मीठा गान,
परम प्रताप राणा, वीर पृथ्वी राज चौहान।
हाथों में वीणा लिये हुए साक्षात् सरस्वती कीर्ति गान गा रही है,
कर जौहर महारानी पद्मावती, मैं उनके बलिदान की गाथा गा रही।
झुक झुक कर सूर्य की किरण राजस्थान की इस मिट्टी की महान बढ़ाती है,
पेड़ भी हिलोरें ले रहा है, दूर देश सु आयोड़ा रही करें घणी मनुहार, यही मेरी संस्कृति बताती है।
यहा का प्रत्येक पेड़ लागे कल्पवृक्ष, यहां की नदी है गंगा है,
रेतीले टीले लागे सुमेरू पर्वत, यहां के नर नारी यशस्वी हैं।
यहां के जन के शब्द शब्द में सरस्वती है, कंठ कंठ में अमृत है,
यही मेरी मरूधरा सबको मोहित करती हैं।
शुर वीरों की धरती की सबसे अलग पहचान है,
यहां संतों, सतियों,भक्तों, कवियों की जबरदस्त आन बान शान है।
तीज त्यौहार गणगौर पूजा,
घूमर से नखरालो नृत्य नहीं दूजा।
हम है इस मिट्टी की संतान हमें इस पर गर्व है,
हमें इस मिट्टी का यशोगान प्रिय हैं।
हांडी रानी पन्नाधाय री वाता आज भी हर जगह सुनाई दे,
महाराणा प्रताप रो जंगल जंगल भटकना, आज भी इतिहास में पढ़ा जाए।
ओ म्हारो प्यारो राजस्थान। तुम्हारी निरंतर जय-जयकार हो।-
हां राजस्थान तैतीस जिलां रो एक रजवाड़ी मान है, भारत देस मायनें..चौहाण, कच्छवाहा, राठौड़ा, जाटां, गुहिलां, हर सिसोदिया रे वीरां रे केसरिये सूं रगयोड़ी धरती..पद्मावती, कर्मावती, हाड़ी, वीरांगना रे जौहर री राख सूं पवित्र हो राखी म्हारी संस्कृति री मर्यादा, शान ओर आन...पण जे कोई म्हारें सूं पूछे म्हारें वी राजस्थान के हैं तो मेरे खातर तो राजस्थान, बाबा गी जुबान सूं सिखेड़ों कोई हेली रो गीत, मायड़ री हथेल्यां सूं पुजेड़ा बास्योड़ा, "तू तो पीली ऐ रायजादी बनड़ी" गाणें री कोई मुलकती नार, तो कोई महलां रो राजकुमार, नैना बचिया रे जन्म पर गावण वाला धेनाड़ियाँ, तो कोई पीलो पोमचो है म्हारो राजस्थान।।मेरे रोवण पर निकलती किलकारी तो, हांसण पर मुलकतो मुखड़ों है राजस्थान..अठे रो प्रेम मेड़ता रे मीरा-कृष्ण सो, तो कदी रूणेचा रो रामसा पीर तरां जात पात सूं भोत ऊपर।। राजस्थान बालपण हैं नानेरों रो तो, खेल है दादेरो रो..राजस्थान रगां मायनें बहण लाग रैयो जीवण है सा..राजस्थान प्रेम है सा.. राजस्थान प्रेम है..💜
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।।जय एकलिंग जी।।🙏।।जय माँ भवानी ।।
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म्हारो राजस्थान, निराळो राजस्थान,
रंग रंगीलो, साज सजिलो राजस्थान,
कण कण अठै रो गावै शुरवीरां रि गौरवगाथा
ऐहड़ो रुड़ो म्हारो राजस्थान ओ.......
जठै मायड़ धरा आ वीर जणै
जे सर कटे पण धड़ सूं लड़े
वीरां रे शोणित रि हर बूंद लड़े
स्वाभिमान रे खातर वीर अठै रा
बलिदान हो मायड़ रो करज् चुकावै है,
ऐहड़ो रुड़ो म्हारो राजस्थान ओ.........
हर गढ़ इमारत अठै रि
आख्यां देख्यो इतिहास सुणावै है,
रण माए झुंझ्या शूरवीरां रि
आ धरा खरो बखाण सुणावै है,
ऐहड़ो रुड़ो म्हारो राजस्थान ओ........
मुं भि इ धरा ने शत शत शीश नवाउं
आस करु इ धरा रे मान वाते खरी काम आउं,
करम ओ म्हारो, धरम ओ म्हारो
ए मायड़ धरा थारे वाते इक दिण
मुं भि असो कर जाउं थारे कण कण माए रम जाउं,
ऐहड़ो रुड़ो म्हारो राजस्थान ओ..............
🚩🗡🚩जय जय राजस्थान 🚩🗡🚩-
राजस्थान री
धरती रा
कितरा करूँ
म्हे बखाण,
अठै री
घूमर छे नखराली,
धरती भी करे
अपणे पे गुमाण-
गौरवशाली इतिहास की महान रणबांकुरों री अद्भुत शौर्य री धरती धोरा की "आपणो राजस्थान री स्थापना दिवस " की घणी घणी शुभकामनाएं
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वीर प्रताप का जो है जन्मस्थान
घूमर है जहाँ की शान
दाल बाटी चूरमा जहाँ का पकवान
ऐसा है मेरा राजस्थान।।
राजपुताना जिसका प्राचीन नाम
मीरा जैसी जोगिन
कर्मा जैसी भक्तिनी के नाम
पन्नाधाय जैसी वीर माँ हुई जहाँ
ऐसा है मेरा राजस्थान।
ऊँचे और विशाल किले
एक ओर थार मरुस्थल मिले
अरावली पर्वत से घिरा हुआ
ऐसा है मेरा राजस्थान।
मेवाड़, मारवाड़, ढूंढाड़,
मेवात, हाड़ौती, शेखावाटी,
जिसका है सांस्कृतिक विभाजन
ऐसा है मेरा राजस्थान।
:- Vikram Singh Rajawat
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त्याग, प्रेम, सौंदर्य, शौर्य की
जिसका कण-कण एक कहानी ।
आओ पूजें, शीश झुकाएँ,
मिल हम, माटी राजस्थानी।। 😊
राजस्थान दिवस की शुभकामनाएं 🙏
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यहां अरावली की हर छोटी पहाड़ी के
शिखर पर एक मंदिर है...
ISIS को हज़ार साल झेलने के बाद
आज भी अपने हठीले रौब के साथ खड़ा है।
यहां के राजाओं ने विश्व को ये सिखाया
कि घास की रोटियां खाकर भी
इतिहास में अमर हुआ जा सकता है।
ये वीरभूमि राजस्थान है....
#30मार्च
#राजस्थानदिवस-