जब मिलने की कोशिश करते हैं हर बार बिछड़ते हैं।
© विक्रम सिंह राजावत-
Vikram Rajawat
(अल्फ़ाज़-ए-क़ल्ब✍✍)
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Author of the book " Alfaaz -e- qalb "
आसपास जो होता है, जीवन मे जो घटित होता है उसे ही शब... read more
आसपास जो होता है, जीवन मे जो घटित होता है उसे ही शब... read more
Joined 1 April 2018
13 JUL AT 21:16
उगता सूरज और हाथ मे कुदाल है,
थका हूँ फिर भी खून में उबाल है।
© विक्रम सिंह राजावत-
8 JUL AT 22:40
मेरे जहन में मेरा सवाल रह गया,
आज भी मन मे मलाल रह गया,
वो आया भी और मिला भी नही
सावन सूखा और मन प्यासा रह गया।
© विक्रम सिंह राजावत
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26 JUN AT 20:34
जिन्होंने जाना है, मेरी रूह तक मुझे
वो चाहकर भी मुझे अनदेखा नही करते।
© विक्रम सिंह राजावत
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8 JUN AT 15:10
आने वाली पीढ़ी के लिए
सरकारी नौकरी
एक अभिशाप के रूप में सामने आएगी।
© विक्रम सिंह राजावत-
22 MAY AT 21:50
शायद मेरे कल की वजह से
मेरा आज खराब है,
लेकिन मेरे आज की वजह से
मेरा कल अच्छा होगा।
© विक्रम सिंह राजावत-
18 MAY AT 22:40
ख़ामोश हूँ तो तमन्ना है कि बोलूं कुछ उनसे
जब बोला करता था तो होल्ड पर रखा जाता था।
© विक्रम सिंह राजावत-
5 MAY AT 22:27
हर परिस्थिति में
खुद को खुश रखना
हस कर ही गुजारनी पड़ती है।
© विक्रम सिंह राजावत-