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एक राजपूत के लिए अपना कर्तव्य ही सबसे अधिक माना जाता है।
उसने अपने मातृभूमि के खातिर निजी जीवन को छोड़कर देशहित मे जीवन बिताया है।
उसका देशप्रेम कभी भी डिगा नहीं।कोई उसे जूका सका नहीं। कर्तवयनिष्ठता को छोड़ने से ज्यादा उसे मौत पसंद હે
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"फ़ैशन,आधुनिकता,प्रतियोगिता ये सब बदलते या बढ़ते जाए,परंतु राजपुतानी अपना धर्म,रिवाज एवं मर्यादा सदैव ही कायम रखती है।"
-कट्टर क्षत्रीयाणी✒-
सुनो हम राजपूत हैं, हमारे यहाँ बेटीयों को चाँद नहीं
सूरज बनाया जाता है।
क्योंकि चाँद को तो सब घूर घूर के देखते है ।
लेकिन सूरज को देखने से पहले लोग 10000 बार सोचते है ,
कही आँखे ख़राब न हो जाये।
इसलिए उस से निगाहे छिपा कर देखते है।
इसी लिए बेटीयों को चाँद नहीं सूरज बनाते है।-
सती पद्मिनी अमरत्व यूँ ही नहीं है जौहर।
धन धन भाग राजपुताना नित नव नौहर।।-
किसी ने हमसे पुछा.....
👑बाईसा क्षत्राणी हो,
कलम और तलवार में से एक को चुनना पड़े तो किसे चुनोगे?
हमने कहा हुकूम......
हम 🚩राजपुताने की क्षत्राणी हैं 🗡तलवार तो जन्म से स्वयं ही है और 🖋कलम हमारी आवाज हैं।
अब अपने आप में चुनाव कैसा।-
राजपुताना मेवाडों को भी थोड़ा सुना करो
अकबर बाबर पढ़ा बहुत कभी महाराणा भी पढ़ा करो
बिना शीश जिनके धड़ भी लेकर शमशिर लड़े थे
जानते थे है मृत्यु निश्चित जहां वहा भी वो वीर अकेले सौ के सामने खड़े थे
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हूँ रज़ पूत शान मरू थल की कर कृपाण आग आँखों में,
सूरज ज्यू जगमग अम्बर में त्यों रज़ पूत जगे लाखो में।
रज़ पूत है जिसका लहू गरम जिसको है प्यारी आन सदा,
क्षत्रिय धर्म के पालक थे वचनो पर वारी जान सदा।
क्या सुना है तुमने नाम कभी राणा महाराणा वीरों का,
धड़ भी जिनके सौ पर भारी मतवाले उन रणधीरो का।
गौ, बाह्मण, नारी, दुर्बल इन सबकी रक्षा था ध्येय परम,
है आज जरूरत फिर उनकी उठ थाम असि है लौह गरम।-
रण कौशल देख राणा का अकबर भी हैरान हुआ
एक परम मित्र हाक़िम खान सूरी भी कुर्बान हुआ
स्वामी भक्ति की मिशाल एक अश्व चेतक महान हुआ
बुरे समय में देश की खातिर दानवीर भामा शाह महान हुआ
मातृभूमि पर शीश लुटाते,रक्त से जिनके
सिंचित हल्दी घाटी का मैदान हुआ
उन वीरों का हरदम ही गुणगान हुआ ।-
शाम को शराब 🍷पीने का क्या फ़ायदा है
शाम को पी 🍷सुबह उतर जायेगी
दो बूँद 🍷 हमारे #राजपुताना की महफ़िल
में पी लो यारों 🍷
सारी जिंदगी नशे में गुज़र जायेगी !!-