' रविवार '
रविवार वो दिन है
जिस के बारे में
हम सोमवार से
सोचना शुरु करते है
सोचते सोचते ६
दिन गुज़र जाते है
रविवार आ कर
चला जाता है ये
हमें रविवार शाम
को पता चलता है
सोमवार से फ़िर
सोचना शुरु करते है-
सृष्टि का भरण पोषण करने वाले, वह समस्त चराचर प्राणियों के आधार हैं,
जिसने की सूर्य भगवान की उपासना, उसका हुआ उद्धार है।
सूर्यनारायण कहलाने वाले, वह ज्ञान की रोशनी सब में जगाते हैं,
सूर्य भगवान की कृपा से हम बल , यश, आयु पाते हैं।
श्री राम भी करते थे भगवान सूर्य की उपासना,
सूर्य देव की कृपा सब पर बनी रहे, यही है समृद्धि की प्रार्थना।-
यदि बनना है निडर और विद्वान,
तो करो रविवार को भास्कर का ध्यान।
मार्तण्ड की आराधना यदि हम करते हैं, तो दिनकर मनुष्य में मधुर वाणी और अच्छे विचारों को उजागर कर, जीवन से बुरे विचारों को दूर करते है।
समृद्धि का यही है कहना,
कि रविवार को 'ॐ सूर्याय नमः' कहकर जल अर्पित करते रहना।-
रविवार भी रिश्तेदारों
जैसा हो गया है
हर हफ्ते आ जाता है
और कोई उत्सुकता नही।-
भानु का संबंध सिर्फ प्रकाश से नहीं हमारे जीवन से है, हमारे भीतर भी एक सूर्य विद्यमान है जिसका अधिकतर लोगों को नहीं ज्ञान है।
यदि भीतरी सूर्य को जागृत रखेंगे सदा, शरीरिक स्वास्थ्य, खुशहाली, उत्साह, उर्जा से जीवन रहेगा भरा।
भीतरी सूर्य जीवन में मानसिक व शारीरिक संतुलन कायम करता है, जिससे आप बहुत सारे कार्य जीवन में कर सकते हैं जो आप की विशेषताओं को बढ़ाते हैं,
आपको उन्नति की ओर अग्रसर करवाते हैं।
समृद्धि का यही है कहना, हर रविवार भानु को नमस्कार करते रहना।
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धन्य हैं वो धरती माँ
धन्य हैं वो भारत देश
और धन्य है वो मनुष्य जिसके आह्वान पर
खुद चन्द्र देव अपनी रोशनी प्रचण्ड करने से रोक ना पायें।
जय माँ भारती 🙏-
हर दिन की तरह...
आज का दिन (रविवार) भी गूजर जाएगा...
हम औरते है साहब...
आदमी थोडे़ ही है...
हमारे नसीब में कहां इतवार आएगा...-
जब आपने शुक्रवार को रविवार की तरह बिताया हो
तो शनिवार आपको सोमवार की तरह सताता है।-
तुम रविवार बन हर रात छुट्टी कर जाती हो ,
काजल बदली निंदिया रतिया तेरे पर्याय हैं ।-