ये दुनिया बड़ी विचित्र है ,
मस्तिष्क में चलते हजारों चलचित्र है।
हम सोचते कुछ हैं ,
ये दुनिया समझती कुछ है।
बात ये परायो की ही नहीं
शामिल इसमें अपने भी हैं,
जख़्म देना फितरत थी परायो की
अब शामिल इसमें अपने भी हैं ।
जख़्म सीने में खंजर से ही थोड़े होते हैं ,
शब्दों के बाण भी बहुत होते हैं।।-
4 JUN 2021 AT 12:06
21 JAN 2022 AT 21:22
28 DEC 2020 AT 6:26
"अब तुम्हें नहीं भूल पाएंगे हम
यह वादा निभाएंगे हम खुद मिट
जाएंगे लेकिन तेरा नाम दिल से नहीं मिटने देंगे हम"।
PDP
GOOD MORNING DOSTO
-
4 DEC 2019 AT 7:10
दोस्ती हो,
प्यार हो,
या
मोहब्बत,
सब,
मतलब की,
यारी......!,
यही इस,
जहां की एक,
लाइलाज़,
बीमारी ....😜!!!-
24 MAR 2021 AT 16:14
नजरे ना मिलना..
हां ये भी सही है,
पास था तू..
पर अब शायद यही कही है-
1 MAR 2020 AT 14:37
चलो नहीं समझा,
लेकिन तुम तो अपनी बात मनवाने में माहिर थी...
तुम्हारी समझदारी कहां चली जाती है मोहतरमा,
जब जब बात हमारी थी...-
6 AUG 2021 AT 10:07
शब्दों को बांधना सिखा है मैने
किन्तु जकड़न वो महसूस करे यह वह बंधन नही है,
शब्दों के बंधन से हमने एक कहानी,काव्य और अनेक कृति रची,
और सभी आपस में जुड़ -जुड़ एक -दूसरे के पूरक हो गये,
और आज यह दिन है अगर उनमें से किसी को निकाल दिया जाये,चाहे मात्रा ही क्यूं ना हो
पूरे का अस्तित्व बिगड़ जाता है...!!-