ज्यादा Mobile Use करने से इंसान बिगड़ जाता है..
इसलिए मैं एक ही Use करती हूँ ! 😁😜-
मज़ाक में
उसके मज़ाक को
मज़ाक कह दिया।
उसने भी
मेरे मज़ाक को
मज़ाक ही समझा।-
तुम्हारी ज़ुल्फों वाली वो छाँव अब भी है
मेरी जिन्दगी में तुम्हारा अभाव अब भी है
मज़ाक में कभी काटा था जो दाँत से तुमने
मेरे हाथों में वो प्यार भरा घाव अब भी है
मेरे दिल के मोहल्ले को छोड़कर तुम शहर चले गए
पर कहीं न कहीं दिल में मोहब्बत का गाँव अब भी है
यूँ तो मन्ज़िल के बेहद करीब दिखने लगा हूँ मैं
मगर आने को आखिरी पड़ाव अब भी है-
चलो मिल कर मज़ाक उड़ाए,
अपने अपने नसीब का..
कि उन्हें बनाने वाले भी तो हम ही हैं..-
मैं जज़्बात लिखती रही,
तुम मज़ाक समझते रहे..
आग थे वो ख्वाब मेरे,
जिन्हें तुम राख़ समझते रहे..
(Read full poetry in caption)
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जिस तरह पाप का घडा़ भरते ही मौत_आ_जाती_है
वैसे_ही खुशी का घडा़ भरते ही
शादी_हो_जाती_है😂 😜-
सितम हर सह लूंगा तुम्हारे, बस इतनी गुजारिश है तुमसे,
हर सितम के बाद इतना कह देना, ये तो मज़ाक था....!-
आग नहीं कभी ख़ाक खुद पर भारी पड़ता है
पत्ती नहीं कभी शाख खुद पर भारी पड़ता है
मज़ाक भी करना किसी से तो इत्मिनान से
कभी कभी मज़ाक खुद पर भारी पड़ता है-
कल रास्ते में मैंने उस लड़के को पिटते देखा, जिसका फेसबुक स्टेटस था,
" हम जहाँ खड़े होते हैं,मैटर वहां बड़े होते हैं।"
😀😀-