हमारे शनम ग़र चेहरे से पर्दा हटा दें ,
तो सितारों की आँखे भी चकाचौंध हो जाये ,
मेरे मुहल्ले की चाँदनी किसी चाँद की मोहताज नही ।-
मसला कुछ और है, वजह कुछ और,
मोहल्ला कोई और है, पनाह कहीं और।।
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गली-मोहल्ले में उसके ही चर्चे हैं।
माफ करना, इश्क में बहुत खर्चे हैं।।
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शायद कल रात तुम फिर नहीं सोए,
और तुम्हारी याद में मेरा मोहल्ला भी जागा हुआ था।-
ख्वाइशों का मोहल्ला बड़ा था,
इसलिए हम ज़रूरत की गलियों से निकल लिए।-
मोहल्ले का प्यार अक्सर "अरज",
मोहल्ले वालों की वजह से टूट जाता है।-
खून से बढ़कर आज पैसा हो गया,
हाँ शायद इसलिए भाई-भाई का दुश्मन हो गया।
घर का नमक तक बटँ गया,
हाँ चहल-पहल वाला मेरा मोहल्ला भी आज शांत हो गया।-
वो गलियाँ 🏃🏃
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वो मोहल्ले की शांत सुनसान गलियाँ ,
जो कभी चहलकदमी से , आबाद हुआ करती
हमारे तमाशों से ,
छुपा-छुपी , पिट्ठूल , कंचे , पकड़मपकड़ी
के खेल में , शोर मचाते रौनक भरते ...
हर पल रहती धमाचौकड़ी , पर कभी ना थकते
धूम मचाते , खूब झगड़ते , पर घरवाले
ना कभी यूँ पकते
शरारती बच्चे अब खो गए , मोबाइल वालों का
ये जमाना है
इंटरनेट , वीडियोगेम सब व्यस्त है , पर गलियों में
बस वीराना है ...
#कृष्णा ☺-
उस मोहल्ले में अँधेरा बहुत है,
और अँधेरे से डरता हूँ मैं
वो, जो खिड़की बंद पड़ी है ना,
उसी से मोहब्बत करता हूँ मैं।-