Krishna Mishra  
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Joined 17 May 2020


Joined 17 May 2020
22 NOV 2023 AT 1:31

जरूरी तू मुझमें जरूरत से ज्यादा है
तेरे साथ ही जियूं बस यही इरादा है
तेरी रूह में उतर जाऊ खुशबू सा बनकर
तेरी सांसों में घुलने का इरादा है
साथ ना छोडूंगा तेरा ये तुझसे वादा है
तेरे लिए उम्मीदें कम ख्वाईशें ज्यादा है
तुझमें ही बस जाऊ कही ये दिल इतना चाहता है
नजर भर देखता रहूं तुझको बस ये दिल इतना ही चाहता है...

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3 OCT 2023 AT 0:40

मैं मौन हो रहा हूं वो शोर कर रही है
पलकों की घटा घनघोर कर रही है।

सो गया है बीच में, ये जहां सारा का सारा,
नशीली आंखें कुछ ऐसा जोर कर रही हैं।

क्या मजाल झपक लूं एक पलक तनिक,
शुन्य सा सुन्न मुझे वो पुरजोर कर रही है।

गहराइयों में डूबने को आतुर तो हूं मैं मगर,
आंखें उसके चन्द्रबिन्दु पे गौर कर रही है।

बारिश बह रही है और हवा बरस रही है,
मदहोशी असर उसकी हर ओर कर रही है।

बवाल हो तो हो, अब किसे फिक्र यहां,
मैं मौन हो रहा हूं, वो शोर कर रही है।

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23 JUL 2023 AT 1:35

तूझे देखने को तरसूं, मेरी जान मान जाओ,
पर दीदार ना हो तेरा। ना यूं मुझे सताओ।
तेरे बिन ना रात गुज़रे, मुझको बाहों में भरके,
ना हो तेरे बिन सवेरा। फिर से गले लगाओ।

तू जो ना मिल सके जिस दिन, मुझको बाहों में भरके,
वो दिन यूंही ख़तम हो। फिर से गले लगाओ।
तेरे बिना ओ जाना, -Krishna Mishra
ना मेरा दर्द कम हो।

तू जो साथ है तो लागे,
है जग सुहाने रब सा
और जो तू मुझसे रूठे,
तो ना लागे कुछ भी अच्छा।

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21 JUL 2023 AT 1:29

मैं मौन रहूं, मन शोर करे,
बस ये ही हलचल कब से है।
मै कुछ ना कहूं, मन सब कुछ सहे,
अब ये ही छल इस दिल से है।
सब कुछ था सहा, इस आशा में,
कि अच्छा आने वाला कल होगा।
पर अब तो ऐसा लगता है कि,
मेरा कुछ ना कहना भी विफल होगा।
अब क्यों चुप रहूं, और यूं ही सहूं,
जब पता हो कि आगे क्या होगा।
कुछ खुद की करूं, और मन की सुनूं,
देखा जाएगा जो कल होगा।
क्यों मौन रहूं, जब मन शोर करे,
ना कोई हलचल अब से है।
मै सब कुछ करूं जो मन ये कहे,
अब ना कोई छल इस दिल से है।

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25 APR 2023 AT 0:53

सुनो! तुमको हक है, जता लिया करो,
मोहब्बत बेशुमार है ये बता दिया करो।
गुस्सा अगर आ जाए तो दिखा लिया करो,
एक बार प्यार से गले लगा लिया करो।
सुनो! तुमको हक है, जता लिया करो।

जो हम कभी रूठे तो मना लिया करो,
और कभी रोएं तो दिल से लगा लिया करो।
जब लगे कि कोई नहीं है साथ तुम्हारे,
तब आंखों को बंद करके हमें पा लिया करो।

सुनो! तुमको हक है, जता लिया करो,
मोहब्बत बेशुमार है ये बता दिया करो।

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2 NOV 2022 AT 1:47

आंखो में ना नींद, ना कोई ख्वाब आ रहा हैं,
कोई आज फिर से याद आ रहा है।
बीती यादों का सैलाब आ रहा है,
कोई आज फिर से याद आ रहा है।
फिर से वहीं हंसी की चहक सुनी है,
फिर से हवा ने किसी की महक बुनी है।
फिर से वही उम्मीदों का मेला लगा है
फिर से वहीं वादों का रेला सजा है
दिल पुराने गीतों के अल्फ़ाज़ गा रहा है
कोई आज फिर से याद आ रहा है।
आंखो में ना नींद, ना कोई ख्वाब आ रहा हैं,
कोई आज फिर से याद आ रहा है।
कोई आज फिर से याद आ रहा है.......

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17 OCT 2022 AT 23:01

जनाब को ज़रा - सी शहर की हवा क्या लगी...
सबसे सर - ए - आम कहने लगे
मेरे मां- बाप न पुरानी सोच के है!!

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9 OCT 2022 AT 1:42

वो मिले हमसे एक अरसे बाद,
और पूछा, "क्या हमको भूल गए?"
दिल तो छुपाना चाहता था उनसे,
पर नज़रों में हम सच बोल गए।
कहते है वो, अब हम याद नहीं करते,
क्या बीता ज़माना भी भूल गए?
इस बार सोचा कि नज़रें चुरा ले,
पर कमबख्त, ये लब सच बोल गए।

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9 OCT 2022 AT 0:59

लबों पे तुम्हारा नाम तो नहीं पर,
दिल में जिक्र हमेशा रहता है।
निगाहों के सामने तुम हर पल नहीं पर,
हर दम एहसास ज़रूर रहता हैं।
तुम रूठों जो हमसे और हम मनाएं
ये सिलसिला भी अच्छा सा लगता है।
चलो अपनी एक दुनिया बसाते है,
सपनो को हकीक़त से रूबरू कराते है।
कुछ तुम चलना कुछ मै चलूंगा,
साथ में ख्वाबों को आईना दिखाते है।

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18 JUL 2022 AT 23:51

जब साथ में हो कोई अपना सा, ना जाने सुबह से कब शाम हुई,
हर सफर सुहाना लगता है। और बाद में ये दिन ढल भी गया।
चाहे दूर जाए या पास जाएं, इस खूबसूरत से सफर का
हर एक लम्हा सुहाना लगता है। वो हमसफ़र अब घर को गया
बातें करते करते सारा वक़्त गुजरा, वो हर लम्हा आंखों में कैद रहा
पर बातें अभी तक खत्म ना हुई। जो आंखों से दिल में बसता है
कुछ मैंने कही कुछ तुमने सुनी। जब साथ में हो कोई अपना सा,
पर बातें अभी है बाकी कई। हर सफर सुहाना लगता है।
हर जिस पल को हमने मिलकर जिआ, चाहे दूर जाए या पास जाएं
वो हर पल दीवाना लगता है। हर सफर सुहाना लगता है।
जब साथ में हो कोई अपना सा, - Krishna Mishra
हर सफर सुहाना लगता है।

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