मैं शायर तो नहीं ,
(poem in caption)-
लिखना यूं तो नही आता मुझे
पर तेरी यादों को अल्फाजों में
लिखने से वो खुद ब खुद शायरी
बन जाती है।-
अगर चले जाना चाहो
तो फिर
वापस कभी न आना ।
अगर चले जाना चाहो
तो फिर
वापस कभी न आना ।
यह दुनिया है बड़ी ज़ालिम,
हमेशा ढूंढता है
दर्द देने का बहाना ॥
- @जीऽ...-
दो चार दिन हुये
लगातार अंदर की बैचेनिया बढ रही है
हररोज मैं बेबस, बेताब हो रहा हू
इस घुटन की वजह हैं या यूही बेवजह हैं
या तुम कह दो ना की पहले से जादा हमारी कमी खल रही है ....!!-
आसमान साफ नजर आ रहा था,
पर मुझे बारिश कि जरूरत थी ।
आसमान साफ नजर आ रहा था,
पर मुझे बारिश कि जरूरत थी ।
जिंदगी मे जब
पानी का सुकून चाहिए था,
तब ही जिंदगी
रेत के समन्दर मे रूकी थी ॥
- @जीऽ...
-
आती है जाती है
पल पल सताती है
ये कोई और नहीं
ज़िंदगी है ज़ालिम
समझ में कहां आती है...-
कसकर पकड़े हुए थे
जिन रिश्तों के हाथ, जिंदगी भर के सफ़र के लिए,
छूट गए वो!...
उस शख़्स ने जाते वक्त जब कहा, मुझसे,
"बड़े कठोर हो तुम"!!!-
मैं चाय चाहने वाला लड़का हूं,
तुम चाॅकलेट चाहने वाली लड़की हो।
मैं तुम पे मरने वाला लड़का हूं,
तुम किस्मत पे मरने वाली लड़की हो..!!-
मैं जो चुप बैठ हुं,
तुम्हारे दिल को छूने कि कोशिश में ।
मैं जो चुप बैठ हुं,
तुम्हारे दिल को छूने कि कोशिश में ।
ठीक एसे ही बर्बादी बैठा था,
मेरे प्यार की तलाश में ॥
- @जीऽ...
-
गमगीन रहते हैं ग़ज़लों में अपनी,
क्या करें ज़िंदगी ने हंसकर गले लगाया ही नहीं
-