कौन कहता है ख़्वाहिशों का शमशान नहीं होता
मुर्शद, एक बार खुदमें झाँककर तो देखो
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उसे मुआफ,करना !! मुर्शद???
जानी कि मोहब्बत उससे रूठी हुई है!!
जानी आपसे मुस्कुरा कर बात,
नहीं कर सकता!!!-
ये क्या है!!
ये कैसा जूर्म कर रहे हो???
मुर्शद!!
उसके होते हुए भी!!
महज दो टक्के कि हसीनाओं पर,
मर रहे हो???
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ये किस तरह का मंजर है,..
बरसात है !!
फिर भी जमी बंजर है,
जो कर गया दिल छल्ली मेरा,,..
हां मुर्शद !!
ये वही ईश्क- ए-खंजर है..-
क्या लिखूंगी मैं,और..
क्या पढ़ेगा वो!
छोड़ो क्या पन्ने भरे हम !!
मुर्शद,..
दो लफ्जों के बाद ही...
रो पड़ेगा वो ??
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हमने उन्हें अपने मकां का मालिक क्या बनाया
मुर्शद
उन्होंने सबको हमें अपना किराएदार बताया है-
हम बेखबर नही की आपने दिल मे जगह नही रसीद की है
पर हम तो ठहरे आशिक़ बद्तमीज़
तो चर्चे तो होंगे ही इस गुलिस्तां मे हमारे इश्क़ के💖💞💫-
ये "अभिवाणी" ये आत्मज्ञान, आत्ममंथन ये सब तो "अभि" एक दिखावा है।
असली मक़सद तो इस तन्हा मुसाफ़िर को बस अपना दर्द लिख जाना है।-
मुझे औरों से क्या लेना "मुर्शद"।
मेरा यार सदा मेरे साथ रहता है।-
कैसे बया कर दे हम ,
मुर्शद,
कोई समझने वाला भी तो होना चाहिए!!
🙃🙃🙃-